करीब दो साल के बाद अपने परिवार से मिलने आ रहे एक यात्री के पैरों तले जमीन तब खिसक गई, जब उसे पता चला कि उसके पासपोर्ट पर बीते पांच साल पहले लगे दो वीजा की वजह से गिरफ्तार किया जा रहा है. क्या है पूरा मामला, जानने के लिए पढ़ें आगे…
Airport News: जेद्दा से लौट रहे इंजामुल हक यह सोच कर खुश हो रहा था कि पूरे दो सालों के बाद वह अपने परिजनों से मिलने वाला है. लेकिन उसे क्या पता था कि दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर एक बड़ी मुसीबत उसका इंतजार कर रही है. दिल्ली एयरपोर्ट पर कदम रखते ही इंजामुल हक को इमिग्रेशन ब्यूरो ने अफसरों ने अपनी गिरफ्त में ले लिया और लंबी पूछताछ के बाद आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस के हवाले कर दिया.
दरअसल, इमिग्रेशन जांच के दौरान इंजामुल हक के पासपोर्ट में दो अलग-अलग पेज में रूस के फर्जी वीजा लगे पाए गए. जिसके चलते, उसे हिरासत में लेकर आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस के हवाले किया गया था. पूछताछ में इंजामुल हक ने बताया कि 2015 से मार्च 2017 और जून 2017 से दिसंबर 2019 के बीच वह वर्क वीजा पर सउदी अरब में रह चुका है. दिसंबर 2019 में सउदी अरब से वापस आने के बाद वह रूस में रोजगार की तलाश कर रहा था.
इसी बीच, उसकी मुलाकात पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में रहने वाले हारुन मिर्जा से हुई. हारुन मिर्जा ने उसे दो लाख रुपए में रुस का वर्क वीजा उपलब्ध कराने का भरोसा दिलाया. वहीं, हारुन की बातों में इंजामुल कुछ इस तरह फंसता चला गया कि उसने अपने पासपोर्ट के साथ 1.10 लाख रुपए बतौर पेशगी सौंप दिए. कुछ दिनों के बाद हारुन ने इंजामुल के लिए रूस के वीजा का तो इंतजाम कर दिया, लेकिन वह टिकट का बंदोबस्त नहीं कर पाया.
जिसके बाद, हारुन ने कहा कि उसके वीजा की अवधि खत्म होने वाली है, अब नए वीजा की जरूरत होगी. इस बातचीत के बाद इंजामुल ने 86 हजार रुपए हारुन के एकाउंट में जमा करा दिए. कुछ दिन बीतने के बाद हारुन ने रूस का वीजा लगा पासपोर्ट इंजामुल को वापस कर दिया. वहीं, हारुन द्वारा मुहैया कराए गए वीजा सही हैं या नहीं, यह जानने के लिए इंजामुल दूसरे ट्रैवल एजेंट के पास पहुंच गया. इस ट्रैवल एजेंट ने बताया कि उसके पासपोर्ट पर लगे दोनों रूसी वीजा फर्जी हैं.
इसके बाद, इंजामुल ने खुद से अपने लिए सउदी अरब के वीजा का बंदोबस्त किया और मुंबई एयरपोर्ट से जनवरी 2022 में सउदी अरब के लिए रवाना हो गया. करीब दो साल सउदी अरब में रहने के बाद जब इंजामुल दिल्ली एयरपोर्ट वापस पहुंचा तो उसे फर्जी रुसी वीजा के चलते गिरफ्तार कर लिया गया. पूछताछ में हुए खुलासे के आधार पर पुलिस ने रूस का फर्जी वीजा उपलब्ध कराने वाले एजेंट हारुन को भी गिरफ्तार कर लिया है.