गोल्ड स्मगलर्स को लगा कि कस्टम का सीक्रेट हाथ लगने के बाद उनकी बल्ले बल्ले हो गई है, अब वह जितना चाहें, उतना सोना विदेश से दिल्ली एयरपोर्ट के बीच तस्करी कर सकते हैं. लेकिन… क्या है यह पूरा मामला, जानने के लिए पढ़ें आगे…
Delhi Airport: गोल्ड की स्मगलिंग करने वाले स्मगलर्स के दिमाग में लंबे समय से एक सवाल चल रहा था कि वे कोई भी जुगत क्यों न लगा लें, कस्टम ऑफिसर्स को उनके सीक्रेट प्लान के बार में पता कैसे चल जाता है. इस सवाल का जवाब खोजते-खोजते इन गोल्ड स्मगलर्स के हाथों कस्टम का एक सीक्रेट लग गया. इस सीक्रेट के हाथ लगने के बाद स्मगलर्स को लगा कि अब उनकी बल्ले-बल्ले है. अब वह जितना चाहें, विदेश से सोना स्मगल कर दिल्ली एयरपोर्ट ला सकते हैं.
दरअसल, गोल्ड स्मगलर्स को यह पता चल गया था कि उनके सीक्रेट प्लान का पता लगाने में कस्टम अधिकारी एयरलाइंस की मदद लेते हैं. साथ ही, कस्टम के पास एक ऐसा सॉफ्टवेयर है, जिसकी मदद से वह लगातार यात्रा करने वाले फ्रीक्वेंट फ्लायर्स का पता लगा लेते हैं. स्मगलर्स को यह पता चल गया था कि चूंकि वे गोल्ड स्मगलिंग के लिए बार-बार विदेश यात्रा करते हैं, लिहाजा उनका नाम भी कस्टम और एयरलाइंस की फ्रीक्वेंट फ्लायर की लिस्ट में शामिल हो गया है.
एयरपोर्ट सुरक्षा से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, गोल्ड स्मगलर्स को यह भी पता चल गया था कि वह जैसे ही वह अपने नाम से किसी भी एयरलाइंस में टिकट बुक कराते हैं, कस्टम अधिकारियों को उनकी यात्रा और मंसूबों का पता चल जाता है, जिसके आधार पर विदेश से वापस आते ही वह उन्हें पकड़कर सीक्रेट तरीके से लाया गया सोना जब्त कर लेते हैं. कस्टम की इन तमाम बातों को ध्यान में रखते हुए स्मगलर्स ने अपना नया प्लान तैयार किया और सोने की तस्करी में लग गए.
उन्होंने बताया कि अपने नए प्लान की मदद से स्मगलर्स को कितनी मदद मिली यह अभी जांच का विषय है, लेकिन, एक मामले की तफ्तीश के दौरान कस्टम अधिकारियों को स्मगलर्स के इस नए प्लान का पता जरूर चल गया. दरअसल, बीती 12 जून को कस्टम ने आईजीआई एयरपोर्ट के टर्मिनल थ्री से अतीक उर रहमान नाम के एक गोल्ड स्मगलर को गिरफ्तार किया था. तलाशी के दौरान, इसके कब्जे से करीब 29,76,802 रुपए कीमत का 624 ग्राम सोना बरामद किया गया था.
तलाशी के दौरान, इसके कब्जे से एक सैमसंग का फोल्ड मोबाइल भी बरामद किया गया था, जिसे कस्टम ने जांच के लिए फॉरेंसिक के पास भेजा था. मोबाइल की जांच दौरान, कस्टम ने कुछ आधार कार्ड की सॉफ्ट कॉपी बरामद की. जिसमें फोटो सहित अन्य जानकारियां तो एक जैसी थीं, लेकिन उसमें नाम अलग अलग थे. एक आधार कार्ड पर अब्दुल जमीर तो दूसरे आधार कार्ड में इस्माइल शरीफ दर्ज था. जिसके बाद, जब अतीक से पूरी बात पता चली तो एक बारगी कस्टम अफसरों के माथे पर भी पसीना आ गया.
एयरपोर्ट सुरक्षा से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, फ्रीक्वेंट फ्लायर की लिस्ट से बचने के लिए ये फर्जी आधार कार्ड बनाए थे, जिससे वे अलग अलग नाम से टिकट बुक कर कस्टम सहित दूसरी एजेंसियों को धोखा दे सकें. एयर कस्टम प्रिवेंटिव के सुप्रीटेंडेंट की शिकायत पर आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस ने मामला दर्ज कर अपनी तफ्तीश शुरू कर दी है.