भारतीय टीम में कुछ ऐसे प्रमुख क्रिकेटर खेल चुके हैं जो बाएं हाथ से बैटिंग और दाएं हाथ से बॉलिंग करते थे. इसमें प्रमुख नाम टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली, सुरेश रैना, विनोद कांबली और रॉबिन सिंह का था. इसमें से गांगुली और रैना ने तो डेब्यू टेस्ट में ही शतक लगाने का कारनामा अंदाज दिया था.
नई दिल्ली. विश्व क्रिकेट में कुछ प्लेयर ऐसे हुए हैं जो बाएं हाथ से बैटिंग करते थे और दाएं हाथ से बॉलिंग. रविवार को ही जिम्बाब्वे के खिलाफ (India Vs Zimbabwe) संपन्न हुई पांच टी20 मैचों की सीरीज में भारतीय टीम में चार खिलाड़ी – शिवम दुबे, वॉशिंगटन सुंदर, रिंकू सिंह और यशस्वी जायसवाल, बैटिंग तो बाएं हाथ से करते हैं लेकिन बॉलिंग दाएं हाथ से. सीरीज में युवा टीम इंडिया ने 4-1 से जीत हासिल की.
इन प्लेयर्स से पहले भी टीम (Indian cricket team) में कई ऐसे प्रमुख क्रिकेटर खेल चुके हैं जो बाएं हाथ से बैटिंग और दाएं हाथ से बॉलिंग करते थे. इसमें सबसे प्रमुख नाम टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली, रॉबिन सिंह और सुरेश रैना का है, इसमें से गांगुली और रैना तो डेब्यू टेस्ट में शतक लगा चुके हैं.
नजर डालते हैं बाएं हाथ से बैटिंग और दाएं हाथ से बॉलिंग करने वाले प्रमुख भारतीय क्रिकेटरों पर..
बॉलिंग से भी टीम इंडिया को मैच जिता चुके ‘दादा’
टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) बैटर के अलावा बॉलर के तौर पर भी टीम इंडिया के लिए ‘असेट’ साबित हुए. सौरव बैटिंग तो बाएं हाथ से करते थे लेकिन बॉलिंग बाएं हाथ से. मजे की बात यह है कि सौरव नैसर्गिक रूप से लेफ्ट हेंडर नहीं हैं. उन्होंने बाएं हाथ से बैटिंग करने वाले अपने बड़े भाई स्नेहाशीष गांगुली की बैटिंग किट का इस्तेमाल करने के लिए बाएं हाथ से बैटिंग शुरू की थी. बाएं हाथ से बैटिंग में सहज महसस करने के बाद उन्होंने आगे भी इसे जारी रखा और फिर बाएं हाथ के बैटर के तौर पर ही शीर्ष क्रिकेट खेली. बैटर के अलावा दाएं हाथ के मध्यम गति के बॉलर के तौर पर भी सौरव उपयोगी रहे. कुछ वनडे मैचों में उन्होंने अपनी बॉलिंग से ही मैच का रुख भारतीय टीम के पक्ष में मोड़ा है. टेस्ट क्रिकेट में 7212 और वनडे में 11363 रन बनाने वाले ‘दादा’ के नाम पर टेस्ट में 32 और वनडे में 100 विकेट दर्ज हैं. ODI में उन्होंने दो बार पारी में 5विकेट हासिल किए.