जवानी में ही आ रहा बुढ़ापा, जोड़ों में जकड़न दे रही दर्द…पढ़ें यह न्यूज

अलवर राजस्थान

अलवर जिले के कठूमर उपखंड मुख्यालयवासी वर्षों से कर रहे खारे पानी का सेवन। फ्लोराइडयुक्त पानी से बीमारियों का हो रहे शिकार। कई जोन में पानी के लिए करते हैं देर रात तक इंतजार।

कठूमर. उपखंड मुख्यालय पर जलदाय विभाग की ओर से वर्षों से खारा पानी सप्लाई किया जा रहा है और ये पानी इतना खारा है कि आमजन तो दूर पशुओं के लिए भी पीने योग्य नहीं है। इस फ्लोराइडयुक्त पानी के सेवन से जवानी में ही बुढ़ापा आ रहा है। जोड़ों में जकड़न दर्द दे रही है।

लोगों के अनुसार अब तो पानी इतना खारा हो गया है कि कूलर आदि पर भी नमक की परत दिखने लगी है। खारे पानी के सेवन से लोग असमय बूढ़े़ दिखाई देने लगे हैं। उनके घुटनों में दर्द, सफ़ेद बाल, चेहरे पर झाइयां आदि इसके दुष्प्रभाव सामने आ रहे हैं। इस खारे पानी की सप्लाई भी 48 से 72 घंटे में हो रही है।

बांट रखी है आठ जोन में

विभाग ने कठूमर कस्बे की पेयजल सप्लाई को आठ जोन में बांट रखा है, जिसमें एक दिन में मुख्य बाजार, द्वारका, जैन मंदिर, हलवाई तथा दूसरे दिन पत्रकार लाइन, नेमी मोहल्ला, सोती मोहल्ला व मोती बजाज के मोहल्ले में सप्लाई दी जाती है। हर दिन चार जोन को पानी दिया जा रहा है। इस प्रकार अड़तालीस घंटे में एक बार नलों में पानी की सप्लाई दी जाती है। कभी-कभी बिजली की कमी, या मोटर खराब आदि के कारण, ट्यूबवेल पर तकनीकी कमी के चलते इस सप्लाई का समय तीन से पांच दिन तक पहुंच जाता है।

सात ट्यूबवेल से पानी की सप्लाई

विभाटीय सूत्रों के अनुसार कठूमर कस्बे में सात ट्यूबवेल से पानी की सप्लाई की जा रही है। इनमें दो को छोड़कर शेष पांच ट्यूबवेल का पानी मीठा बताया जाता है, लेकिन कस्बेवासियों का कहना है कि नलों में तो खारे पानी की सप्लाई होती है। यह पानी किसी भी प्रकार से पीने के योग्य नहीं है। रोजमर्रा के कामों में मीठे पानी का जुगाड करना पड़ता हैं। दूसरी ओर जेजेएम योजना का काम देरी से चलने के कारण आधा कस्बा प्यासा है। कस्बे की दलित बस्ती सहित खेरली रोड, खेरली बायपास, मसारी रोड सहित अनेक हिस्से पानी का इंतजाम कर रहे हैं।

यह बोले लोग

नलों में खारे पानी की सप्लाई

नलों में खारे पानी की सप्लाई की जा रही है। इसका भी घंटों इंतजार करना पड़ता है। यह पानी पीने योग्य नहीं है। खारे पानी के लगातार उपयोग से शारीरिक समस्या उत्पन्न हो रही है।

विकास शर्मा निवासी, कठूमर।

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ईआरसीपी से मीठे पानी की उम्मीद

कस्बे में मीठे पानी की समस्या है, जेजेएम योजना में लगे ट्यूबवेल का पानी भी मीठा नहीं है। अब ईआरसीपी से मीठे पानी की उम्मीद है।

गगन खंडेलवाल निवासी, कठूमर।

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खारेपन में कमी आएगी

विभाग की ओर से खारे व मीठे पानी के ट्यूबवेलों का पानी मिलाकर सप्लाई किया जा रहा है। जेजेएम योजना में अधिकतर जल स्रोतों का पानी पीने योग्य है, जिसकी सप्लाई शुरू होने पर पानी के खारेपन में कमी आएगी।

राहुल अवस्थी सहायक अभियंता पीएचईडी, कठूमर।