ऐतिहासिक मंदिरों को मिलेगी विदेशों में भी ‘पहचान’, विश्व पर्यटन मानचित्र पर आएंगे नजर

जयपुर राजस्थान

जयपुर . राजधानी के ऐतिहासिक 28 मंदिर विश्व के पर्यटन मानचित्र पर नजर आएंगे। इन मंदिरों का वैभव और इतिहास लोग देश-दुनिया में कहीं भी बैठकर देख सकेंगे। इसे लेकर देवस्थान विभाग ने तैयारी की है। इसके लिए एक प्रस्ताव तैयार कर पर्यटन विभाग को भेजा है। इसके साथ ही इन मंदिरों को पर्यटन विभाग […]

जयपुर . राजधानी के ऐतिहासिक 28 मंदिर विश्व के पर्यटन मानचित्र पर नजर आएंगे। इन मंदिरों का वैभव और इतिहास लोग देश-दुनिया में कहीं भी बैठकर देख सकेंगे। इसे लेकर देवस्थान विभाग ने तैयारी की है। इसके लिए एक प्रस्ताव तैयार कर पर्यटन विभाग को भेजा है। इसके साथ ही इन मंदिरों को पर्यटन विभाग की वेबसाइट पर भी जगह मिलेगी।

राजधानी के पुरातत्व एवं ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मंदिरों का वैभव देश-दुनिया में भी लोग जान सकेंगे। इन मंदिरों में भक्तों की आवाजाही बढ़ाने के लिए देवस्थान विभाग यह नवाचार कर रहा है। ऐतिहासिक 28 मंदिरों को पर्यटन मानचित्र में शामिल किया जाएगा। इनमें 26 मंदिर राजकीय प्रत्यक्ष प्रभार वाले हैं, जिनकी सेवा-पूजा व देखभाल देवस्थान विभाग ही करता है। वहीं आत्मनिर्भर श्रेणी के दो मंदिरों को भी पर्यटन मानचित्र में शामिल किया जाएगा। इनमें आमेर स्थित माताजी मावलियान मंदिर और त्रिपोलिया बाजार स्थित मंदिरश्री विनोदीलालजी शामिल हैं।

पर्यटन विभाग को भेजा प्रस्ताव
देवस्थान विभाग के अधिकारियों की मानें तो विभाग के 28 मंदिरों को विश्व पर्यटन मानचित्र पर शामिल करने के लिए प्रस्ताव तैयार कर पर्यटन विभाग को भिजवा दिया गया है। इसके साथ ही इन मंदिरों को पर्यटन विभाग की वेबसाइट पर शामिल किया जाएगा, जिससे देश-विदेश से आने वाले लाखों सैलानी इन मंदिरों का वैभव भी जान सकेंगे।

ये प्रमुख मंदिर शामिल

  • मंदिरश्री आनंद बिहारीजी, बड़ी चौपड़
  • मंदिरश्री रामचन्द्रजी सिरह ड्योढी बाजार
  • मंदिरश्री बृजनिधिजी चांदनी चौक
  • मंदिरश्री आंनदकृष्ण बिहारीजी चांदनी चौक
  • मंदिरश्री बलदेवजी परशुरामद्वारा
  • मंदिरश्री मदनमोहनजी हवामहल
  • मंदिरश्री लक्ष्मीनारायण बाईजी, बड़ी चौपड़
  • मंदिरश्री बृजराज बिहारीजी, त्रिपोलिया बाजार

देवस्थान विभाग की वेबसाइट पर सिर्फ 6 ही मंदिर
देवस्थान विभाग ने अपनी वेबसाइट पर राजधानी के सिर्फ 6 ही मंदिरों की जानकारी दे रखी है। इनमें मंदिरश्री आनन्दकृष्ण बिहारीजी, मंदिरश्री माताजी मावलियान, मंदिरश्री रामचन्द्रजी, मंदिरश्री किल्कीजी, मंदिरश्री मदनमोहनजी व मंदिरश्री लक्ष्मीनारायण बाईजी शामिल है। वेबसाइट पर प्रदेशभर के 50 मंदिरों की जानकारी ऑनलाइन है। हालांकि देवस्थान विभाग की वेबसाइट को अधिक लोग नहीं देख पाते हैं।