मथुरादास माथुर अस्पताल में सह आचार्य एवं यूनिट प्रभारी डॉ. दिनेश दत्त शर्मा के पास एक 14 वर्षीय युवक बार-बार उल्टी होना तथा पेट में दर्द रहना और साथ में वजन नहीं बढ़ने की शिकायत के साथ भर्ती हुआ।
मरिज एवं उसके परिजनों ने बताया कि वह इस समस्या से बचपन से ही ग्रसित है तथा उन्होंने काफी जगह दिखाई पर कोई फायदा नहीं हुआ। उल्टियां भी इतनी होती थी कि कुछ भी खाने से डर लगता था।
डॉ. दिनेश दत्त शर्मा ने मरीज को भर्ती कर जांच कराई और जांच में पता लगा कि मरीज के एक जन्मजात आंतों की विकृति है जिसे माल रोटेशन ऑफ गट कहते हैं। इस बीमारी में गर्भावस्था में आंतों के डवलपमेंट के समय आंते पूर्ण रूप से घूम नहीं पाती और छोटी आंत एवं बड़ी आंत अपनी नॉर्मल निर्धारित जगह पर नहीं रहती।
आंतो में मालरोटेशन की खराबी तब होती है जब गर्भाशय के विकास के दौरान भ्रूण की आंत का सामान्य घुमाव रुक जाता है या पूरा घुमाव नही होता है। सामान्यतः आंतों की मालरोटेशन के अधिकांश मामले नवजात अवधि या जीवन के पहले वर्ष के दौरान सामने आते हैं, लेकिन कभी कभी यह बीमारी बड़े बच्चों या वयस्कों में भी होती हैं।
मालरोटेशन ऑफ गट 0.2-1% आबादी में होने वाली एक दुर्लभ जन्मजात असामान्यता है जिसमे से केवल 0.2-0.5% ही वयस्को में होती
हैं।
कुछ बच्चों में बड़े होने तक लक्षण दिखाई नहीं देते। कुछ लोग पूरी जिंदगी कुपोषण के साथ जीते हैं और कभी नहीं जान पाते कि उन्हें यह बीमारी है। लक्षण तब होते हैं जब आंतो मे रुकावट (वॉल्वुलस) हो जाती हैं या खून का दौरा बंद हो जाता है।
डॉ. दिनेश दत्त शर्मा ने बताया कि ऑपरेशन के दौरान मरीज के पेट में एक बेन्ड होता है जिससे लेड्स बेन्ड कहते हैं इसे रिलीज करना, आंते जो एक दूसरे में फंसी हुई होती है उसे निकाल के सही पोजीशन पर रखना, एवं आंतों के घुमाव को ठीक करना जिसे लेड्स प्रोसीजर कहते हैं, काफी जटिल कार्य होता है और इस कार्य को अंजाम दिया मथुरादास माथुर अस्पताल के दक्ष सर्जन की टीम ने।
ऑपरेशन करने वाली टीम में युनिट प्रभारी डॉ. दिनेश दत्त शर्मा के साथ डॉ. अंशुल, डॉ. राकेश, डॉ. हेमंत, डॉ. कुणाल एवं बेहोशी की टीम में डॉ. शोभा उज्जवल एवं डॉ. गीता सिंगारिया के साथ डॉ. गायत्री तंवर, डॉ. रेणुका, डॉ. पीयूष, डॉ. ऋषभ इत्यादि थे तथा नर्सिंग टीम में श्री वरुण विकास जी के साथ, रेखा पंवार, निर्मल चौधरी एवं समेर सिंह राजपुरोहित का योगदान रहा।
मरिज पूर्ण रूप से स्वस्थ है और मरीज आराम से खाना पीना कर रहा है।
एमडीएम अधीक्षक डॉ. नवीन किशोरीया ने बताया कि मरीज का उक्त ऑपरेशन मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना के तहत निशुल्क हुआ है तथा एमडीएम में इस प्रकार की जटिल सर्जरी लगातार हो रही है। प्राचार्य एवं नियंत्रक डॉ. एस. एन. मेडिकल कॉलेज, जोधपुर डॉ. रन्जना देसाई ने भी ऑपरेशन करने वाली टीम को बधाई दी।