नवनिर्मित यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ नैचुरोपैथी एवं योगिक साईंसेज के भवन का हुआ लोकार्पण
पूर्व कुलपति प्रोफेसर बनवारीलाल गौड़ को मानद उपाधि देकर सम्मानित किया गया
जोधपुर 16 जुलाई 2024
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन् राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय, जोधपुर का सप्तम दीक्षांत समारोह माननीय राज्यपाल एवं कुलाधिपति महोदय श्रीमान कलराज मिश्र की अध्यक्षता में दिनांक 16 जुलाई 2024 मंगलवार को आयुर्वेद विश्वविद्यालय, करवड़, जोधपुर के परिसर स्थित सुश्रुत सभागार में सम्पन्न हुआ, जिसमें पूर्व कुलपति प्रोफेसर बनवारी लाल गौड़ ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की।
दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए माननीय राज्यपाल एवं कुलाधिपति महोदय श्रीमान कलराज मिश्र ने दीक्षा प्राप्त उपाधि धारकों को करूणा एवं संवेदना के भाव से समाज की भारतीय चिकित्सा पद्धति द्वारा स्वास्थ्य सेवा करने का आह्वान किया। श्रेष्ठ प्रदर्शन करके स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले स्नातकों एवं दीक्षा प्राप्त कर रहे समस्त आत्मजनों को बधाई देता हूँ। प्रधानमंत्री के विकसित भारत 2047 के संकल्प की पूर्ति युवाओं पर ही निर्भर है इसीलिए युवाओं से मेरी अपेक्षा है कि प्राचीन भारतीय आयुर्वेद के ज्ञान को आधुनिक परिप्रेक्ष्य में विकसित करते हुये भारत की इस महान विरासत के जरिये राष्ट्र को नई दिशायें दे।
यह जानना सुखद है कि आयुर्वेद विश्वविद्यालय आई.आई.टी. जोधपुर के साथ मिलकर आयुर्टेक के माध्यम से आयुर्वेद के मनीषियों द्वारा बताये हुये यन्त्रों का आधुनिकीकरण किया जा रहा है, मैं समझता हूँ कि इससे निकट भविष्य में अच्छे परिणाम आयेंगे। विश्वविद्यालय द्वारा विस्तरित बहिरंग सेवाओं के रूप में आई.आई.टी., निफ्ट, आर्मी, गुरुद्वारा श्री तेग बहादुर साहब जोधपुर में आयुष ओ.पी.डी. का विस्तार किया है। साथ ही सामाजिक सरोकार कार्यक्रम के तहत अपना घर आश्रम के साथ मिलकर विश्वविद्यालय गरीब, असहाय अनाथ लोगों के लिये कार्य कर रहा है। विश्वविद्यालय के पंचकर्म विभाग के अन्तर्गत अन्तर्राष्ट्रीय सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के निर्माण और निकट भविष्य में इसके आरम्भ होने से आयुर्वेद पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
माननीय राज्यपाल महोदय द्वारा विश्वविद्यालय परिसर स्थित नवनिर्मित यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ नैचुरोपैथी एवं योगिक साईंसेज भवन का लोकार्पण किया गया। माननीय राज्यपाल एवं कुलाधिपति महोदय द्वारा प्रो. बनवारीलाल गौड़ एवं श्री मोहित मल्होत्रा, सी.ई.ओ., डाबर इण्डिया लिमिटेड को प्रथम बार विश्वविद्यालय द्वारा मानद उपाधि हेतु नामित किया गया है। राज्यपाल महोदय द्वारा प्रो. बनवारीलाल गौड़ को मानद उपाधि (डी.लिट.) देकर सम्मानित किया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व कुलपति एवं महामहिम राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित प्रो. (वैद्य) बनवारीलाल गौड़ ने दीक्षान्त भाषण में कहा कि आयुष चिकित्सा पद्धति शरीर के किसी एक रोग पर नहीं बल्कि समग्र स्वास्थ्य का चिन्तन है। विद्याध्ययन के पश्चात् छात्रों का समाज सेवा के लिये कृत संकल्प होना ही दीक्षान्त संस्कार है।
अपने स्वागत भाषण में माननीय कुलपति प्रोफेसर वैद्य प्रदीप कुमार प्रजापति ने माननीय कुलाधिपति एवं राज्यपाल श्री कलराज मिश्र का विश्वविद्यालय आगमन पर स्वागत करते हुये 7वें दीक्षान्त समारोह को गरिमा प्रदान करने पर आभार व्यक्त किया।
विश्वविद्यालय भारतवर्ष में आयुष का यह पहला मौलिक विश्वविद्यालय है, जिसके द्वारा आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा विषय की उपाधि प्रदान की जाती है, जो भारतर्ष के साथ ही अन्य देशों में भी अपनी इस चिकित्सा पद्धति का प्रसार करने की ओर अग्रसर है। भारत सरकार के सहयोग से शैक्षणिक उन्नयन एवं कौशल विकास के उद्देश्य से विश्वविद्यालय द्वारा लघु अवधि के क्षारसूत्र, पंचकर्म, जरावस्था प्रशिक्षण पाठ्यक्रम एवं एकवर्षीय पंचकर्म तकनीशियन, योगा नैचुरोपैथी प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों का संचालन किया जाता है। विद्यार्थियों के सतत शैक्षणिक उन्नयन एवं शोधकार्यों के गुणवत्तापूर्ण संचालन के लिये विश्वविद्यालय के द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों से 24 आपसी समझ-पत्रों पर हस्ताक्षर किये गये हैं।
माननीय राज्यपाल एवं कुलाधिपति महोदय द्वारा 7वें दीक्षान्त समारोह में वर्ष 2021 में उत्तीर्ण आयुर्वेद संकाय के डॉ. नेहा अग्रवाल एवं 2022 में उत्तीर्ण डॉ. निधि शर्मा, होम्योपैथी संकाय के 2022 में उत्तीर्ण डॉ. रामचरण चौधरी, यूनानी संकाय के 2021 में उत्तीर्ण डॉ. हया खान, 2022 में उत्तीर्ण डॉ. सायमा नाज़, योग एवं नैचुरोपैथी में उत्तीर्ण 2021 में उत्तीर्ण डॉ. आदिवर्णा पारीक, 2022 में उत्तीर्ण डॉ. श्रेया सिन्हा एवं 2023 में उत्तीर्ण डॉ. मीनू तथा बी.एस.सी. आयुर्वेद नर्सिंग के 2022 में उत्तीर्ण डॉ. नीतू यादव एवं 2023 में उत्तीर्ण डॉ. ऋतु पारीक को स्वर्ण पदक प्रदान किया गया।
आयुर्वेद संकाय में 2021 में उत्तीर्ण द्वितीय स्थान पर डॉ. तनिष्का गुप्ता एवं तृतीय स्थान पर डॉ. विभा कुल्हरी एवं 2022 में उत्तीर्ण डॉ. निधि वर्मा एवं आस्था अग्रवाल, होम्योपैथी संकाय में 2021 में उत्तीर्ण द्वितीय स्थान पर डॉ. ट्विंकल सोनी एवं तृतीय स्थान पर डॉ. खुशी यादव एवं 2022 में उत्तीर्ण द्वितीय स्थान पर डॉ. प्रेरणा गर्ग एवं तृतीय स्थान पर डॉ. अदिति जोशी, यूनानी संकाय में 2021 में उर्त्तीण द्वितीय स्थान पर डॉ. अलाउद्दीन अंसारी एवं डॉ. आसीफ आदिल खान, योग एवं नैचुरोपैथी संकाय में 2021 में उत्तीर्ण द्वितीय स्थान पर डॉ. कृतिका रघुवंशी एवं तृतीय स्थान पर डॉ. सिमरन दीप कौर धोकल, 2022 बैच में उत्तीर्ण द्वितीय स्थान पर डॉ. पूजा परिहार एवं तृतीय स्थान पर डॉ. प्रतिभा परिहार एवं 2023 में उत्तीर्ण द्वितीय स्थान पर डॉ. दीक्षा जैन एवं तृतीय स्थान पर डॉ. एकता सैनी, बी.एस.सी. नर्सिंग आयुर्वेद में 2022 में उत्तीर्ण द्वितीय स्थान पर डॉ. ज्योति पारीक एवं तृतीय स्थान पर डॉ. अरविन्द जोशी एवं 2023 में उत्तीर्ण द्वितीय स्थान पर डॉ. निशा यादव एवं तृतीय स्थान पर डॉ. वर्षा खटीक को क्रमशः रजत एवं कांस्य पदक प्रदान किये गये।
कार्यक्रम के अंत में कुल सचिव प्रोफेसर गोविंद सहाय शुक्ला ने धन्यवाद ज्ञापन किया। मीडियाकर्मियों का विशेष रूप से विश्वविद्यालय की उन्नति में सहभागिता के लिये धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम का संचालन कुलसचिव प्रो. गोविन्द सहाय शुक्ल एवं डॉ. संजय श्रीवास्तव ने किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ आर.ए.सी. बटालियन के पुलिस बैण्ड की धुनों के साथ शैक्षणिक शोभायात्रा से हुआ, जिसमें माननीय कुलाधिपति के साथ कुलपति, कुलसचिव, चारों संकायों के अधिष्ठाता, प्रबन्ध मण्डल के सदस्य तथा विद्या परिषद् के सदस्य शामिल हुए। राष्ट्रगान, कुलगीत एवं दीप प्रज्जवलन के पश्चात् माननीय राज्यपाल एवं कुलाधिपति ने संविधान की प्रस्तावना एवं मूल कर्त्तव्यों के पालन की शपथ दिलाई।
इस अवसर पर दीक्षान्त समारोह के समापन के पश्चात् मुख्य अतिथि पूर्व कुलपति प्रोफेसर बनवारीलाल गौड़, कुलपति प्रोफेसर प्रदीप कुमार प्रजापति, प्रबन्ध मण्डल के सदस्य प्रोफेसर कमलेश कुमार शर्मा एवं डाबर इण्डिया लिमिटेड के प्रभारी मार्केटिंग डॉ. दुर्गा प्रसाद के करकमलों द्वारा शेष रही उपाधियाँ प्रदान की गई। साथ ही पी.जी.आई.ए. एवं होम्योपैथी महाविद्यालय के संकाय सदस्यों द्वारा लिखित पुस्तकों-द्रव्यगुण विज्ञान, कौमारभृत्य श्लोक मिमांसा, चरक श्लोक मिमांसा, अगदतंत्र एवं पॉकेट बुक ऑफ एनाटॉमी का विमोचन किया गया। लक्ष्य पर्यावरण एवं जन कल्याण संस्था, जोधपुर एवं आयुर्वेद विश्वविद्यालय, जोधपुर के मध्य आपसी समझ-पत्र (एम.ओ.यू.) पर हस्ताक्षर हुए।
दीक्षान्त समारोह के कार्यक्रम में समस्त संकायों के अधिष्ठातागण, प्रबन्ध मण्डल के सदस्य, विद्या परिषद् के सदस्य, वित्त नियंत्रक श्री मंगलाराम बिश्नोई, राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान के निदेशक, पुलिस विश्वविद्यालय के कुलपति, जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय के कुलपति, मारवाड़ मेडिकल विश्वविद्यालय के कुलपति, दिव्यांग विश्वविद्यालय के कुलपति, आई.आई.टी. के निदेशक सहित जोधपुर के उच्च शिक्षण संस्थानों के निदेशक, प्रशासनिक अधिकारी, समस्त संकाय सदस्य, स्नातकोत्तर
अध्येता, आयुष महाविद्यालयों के छात्र-छात्रायें, मीडियाकर्मी उपस्थित रहे।
डाबर इण्डिया लिमिटेड के सौजन्य से आयुर्वेद संकाय के प्रथम स्थान, द्वितीय स्थान, तृतीय स्थान प्राप्त छात्रों को स्वर्ण पदक, रजत पदक, कांस्य पदक प्रदान किये गये। विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डॉ. राजाराम अग्रवाल ने बताया कि सप्तम् दीक्षान्त समारोह में स्नातक एवं स्नातकोत्तर संकायों के छात्रों को कुल 2416 उपाधियाँ प्रदान की, जिसमें आयुर्वेद स्नातकों को कुल 1096 उपाधि, होम्योपैथी स्नातकों को कुल 433 उपाधियां, यूनानी स्नातकों को कुल 284 उपाधियां एवं योग एवं नेचुरोपैथी स्नातकों को 270 उपाधियां तथा बी.एससी. नर्सिंग आयुर्वेद को कुल 59 उपाधियां प्रदान की।
डॉ. दिनेश चन्द्र शर्मा