खतरनाक वायरस का प्रकोप: गुजरात में दिमागी सूजन का खतरा, लक्षण पहचानें और बचाव के उपाय जानें

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Chandipura virus: देश में एक के बाद एक नए वायरस की एंट्री से लोग दहशत में हैं. गुजरात के साबरकांठा और अरावली जिलों में यह वायरस बच्चों पर कहर बनकर टूट रहा है. जी हां, यह ‘चांदीपुरा’ नामक वायरस है, जिसे मिस्ट्री वायरस के नाम से भी जाना जाता है. आइए जानते हैं आखिर ‘चांदीपुरा’ वायरस है क्या? क्या हैं इस वायरस के लक्षण? कैसे करें बचाव?

Chandipura virus: देश में एक के बाद एक नए वायरस की एंट्री से लोग दहशत में हैं. जहां लोग अभी कोरोना के खौफ से उबरे ही थे क‍ि एक नए वायरस ने दशहत मचा दी है. गुजरात के साबरकांठा और अरावली जिलों में यह वायरस बच्चों पर कहर बनकर टूट रहा है. जी हां, यह ‘चांदीपुरा’ नामक वायरस है, जिसे मिस्ट्री वायरस के नाम से भी जाना जाता है. दावा किया जाता है कि गुजरात के इन जिलों में इस वायरस की चपेट में आकर 2 दिन में 5 बच्चों की मौत हो गई. अब सवाल है कि आखिर ‘चांदीपुरा’ वायरस है क्या? क्या हैं इस वायरस के लक्षण? कैसे करें बचाव? इस बारे में विस्तार से जानकारी दे रही हैं राजकीय मेडिकल कॉलेज कन्नौज की शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रियंका आर्य-

क्या है चांदीपुरा वायरस?

डॉ. प्रियंका आर्य के मुताबिक, गुजरात में कहर बरपा रहे चांदीपुरा वायरस से सबसे पहले बुखार होता है, जिसके लक्षण फ्लू की तरह होते हैं. इस वायरस को मच्छर, मक्खियों, कीट-पतंगों द्वारा फैलना माना जा रहा है. इस बीमारी के चपेट में आने वाले बच्चे के मस्तिष्क में सूजन आ जाती है. इसके बाद बच्चे की हालत बिगड़ती जाती है. माना जा रहा कि इस स्थिति में ही बच्चों की जान भी जा रही है. हालांकि, और भी बहुत कुछ इस बीमारी के बारे में पता लगाया जा रहा है.

इस वायरस का नाम क्यों पड़ा चांदीपुरा?

माना जा रहा कि, महाराष्ट्र के नागपुर के चांदीपुर गांव में वर्ष 1966 में 15 साल तक के बच्चों की मौत हुई थी. जानकारी करने पर पता चला कि मौतें वायरस की वजह से हुईं है. तभी से इस वायरस का नाम चांदीपुरा वायरस पड़ गया. अब यह वायरस गुजरात के कई जिलों तक पहुंच गया है.

इन एहतियात से करें खुद का बचाव

एक्सपर्ट के मुताबिक, चांदीपुरा वायरस फैलने का कारण मच्छर, मक्खियों, कीट-पतंगे माने जा रहे हैं. ऐसे में अपने आसपास साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें. इसके अलावा इस बीमारी के लक्षण दिखते ही डॉक्टर से संपर्क करें. खुद से किसी भी दवा का सेवन करने से बचें.