Rajasthan News: राजस्थान के इस शहर पर मंडराया डेंगू का खतरा, 12 इलाके हाई रिस्क जोन में

कोटा

Rajasthan News: कोटा शहर में करीब 12 कॉलोनियां ऐसी हैं, जो हर साल हाईरिस्क जोन में रहती हैं। इनमें कोचिंग एरिया की कॉलोनियां भी शामिल हैं।

Rajasthan News: कोटा शहर में बारिश और बारिश के बाद हर साल डेंगू कहर बरपाता है। डेंगू की रफ्तार ऐसी होती है कि जिला प्रशासन व चिकित्सा विभाग को भी इसे काबू करने में सांसें फूल जाती हैं। हर साल बड़ी संख्या में लोग डेंगू की चपेट में आते हैं। कई तो अपनी जान तक गंवा देते हैं। डेंगू के प्रकोप से अस्पतालों की व्यवस्था चरमरा जाती हैं।

निजी व सरकारी अस्पताल फुल हो जाते हैं। मरीजों के लिए बेड कम पड़ जाते हैं। प्लेटलेट्स की मांग तक बढ़ जाती है। इसके बावजूद जिला प्रशासन व चिकित्सा विभाग पूरी तरह से नहीं चेते हैं। फिलहाल एंटी लार्वा एक्टिविटी चल रही है।

गंभीर हालातों को देखते हुए चिकित्सा विभाग हर साल माइक्रो प्लान के तहत हाई रिस्क एरिया घोषित करता है। कोटा शहर में करीब 12 कॉलोनियां ऐसी हैं, जो हर साल हाईरिस्क जोन में रहती हैं। इनमें कोचिंग एरिया की कॉलोनियां भी शामिल हैं। जहां बड़ी संख्या में कोचिंग स्टूडेंट डेंगू पॉजिटिव मिलते हैं।

इन क्षेत्रों से हर साल 200 से 400 डेंगू मरीज सामने आते हैं। डेंगू के विशेष अभियान के समय हाई रिस्क एरिया में होने वाले सर्वे में वॉलंटियर्स की सेवा भी ली जाती है। विभाग हर साल 60 से अधिक वॉलंटियर्स की ड्यूटी हाई रिस्क एरिया में लगाता है। इसमें लाखों रुपए खर्च किए जाते हैं।

हाईरिस्क जोन में ये इलाके

  1. डीसीएम
  2. गोविंद नगर
  3. विज्ञान नगर
  4. संजय नगर
  5. भीमगंजमंडी
    5.बोरखेड़ा
  6. दादाबाड़ी-शिवपुरा
  7. छावनी-रामचन्द्रपुरा
  8. तलवंडी-इन्द्र विहार
  9. महावीर नगर
  10. कुन्हाड़ी
  11. अनंतपुरा
  12. नयापुरा

डेंगू को लेकर शहरवासियों को जागरूक होने की जरूरत है। अपने घरों में रखे कूलर व कबाड़ की सफाई करें। आसपास के इलाके को साफ रखें। पानी भराव वाले स्थान पर जला तेल डाल दें।

जिन इलाकों में सबसे ज्यादा मरीज मिलते हैं, वहां चिकित्सा विभाग हर साल माइक्रो प्लान बनाकर कार्य करता है। स्टाफ के अलावा सर्वे में वॉलंटियर्स की सेवा भी ली जाती है, ताकि डेंगू को काबू किया जा सके।

डॉ. जगदीश सोनी, सीएमएचओ, कोटा