जयपुर। कांग्रेस महासचिव और राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने अपने एक इंटरव्यू में खुलासा कि 2018 में पार्टी ने उनके राय मशवरे के बाद ही अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री बनाया था। हाल ही में एक साक्षात्कार में पायलट ने 2018 में 25 दिसंबर हुए घटनाक्रम पर भी खुलकर जवाब दिया। 2018 में मुख्यमंत्री नहीं बनाए जाने के सिलसिले में पायलट ने कहा कि जो किस्मत में होता है मिलता है, जो नहीं होता नहीं मिलता।
हमने कड़ी टक्कर दी, पर जीत नहीं पाए
2023 में हुए विधानसभा चुनाव को लेकर बात करते हुए सचिन पायलट ने कहा कि हमने राजस्थान में भाजपा को कड़ी टक्कर दी पर हम जीत नहीं पाए। 2013 में जब हम विधानसभा चुनाव हारे तो 21 सीटें आई थी, लेकिन 2023 में जब हम हारे तो हम 71 सीट जीतकर आए थे। हम भी हारते थे 20-21 या 50 सीटों तक सिमट जाते थे, लेकिन इस बार हमने भाजपा को कड़ी टक्कर दी। भले ही हम हमारी सरकार को रिपीट नहीं करवा पाए हों, लेकन हमने अच्छी फाइट दी। चाहें हमारी बीच कुछ भी मनमुटाव रहा हो, लेकिन हमने मिलकर चुनाव लड़ा।
फोन टेपिंग पर भी बात की
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव से पहले राजस्थान में पर्यवेक्षकों के कांग्रेस विधायक दल की बैठक न होने के बारे में पायलट ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण था। ऐसा कभी नहीं हुआ। मुझे लगता है कि मीटिंग हो जानी चाहिए थी। गहलोत पर फोन टैपिंग के मामले पर पायलट ने कहा कि राजनीति में ऐसा चलता रहता है, इन बातों को कोई अंत नहीं है।
‘राजस्थान में कांग्रेस अच्छा प्रदर्शन करेगी’
लोकसभा चुनाव की बात करते हुए पायलट ने कहा कि लोकसभा चुनाव में राजस्थान में इस बार कांग्रेस अच्छा प्रदर्शन करेगी। जो ऊपर जाता है वो नीचे भी आता है। राजस्थान में पिछले साल सभी सांसद भाजपा के चुने गए थे, लेकिन वो राजस्थान के लिए कोई बड़ा काम नहीं कर पाए। राजस्थान में 4 महीने पहले बनी भारतीय जनता पार्टी की सरकार लोगों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पा रही है।