जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर में दिनांक 10 फरवरी, 2024 को कुछ छात्रों के द्वारा विश्वविद्यालय के केन्द्रीय कार्यालय में किये गए प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों ने गुरू-शिष्य की मर्यादा को तोड़ते हुए विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रो. के.एल. श्रीवास्तव के साथ अभ्रद व्यवहार किया गया साथ ही छात्रों द्वारा अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया गया और कुलपति महोदय पर निराधार व्यक्तिगत आरोप लगाए। इन कृत्यों के विरूद्ध विश्वविद्यालय कर्मचारियों, शिक्षकों के साथ पूरे विश्वविद्यालय परिवार ने इस अमर्यादित कृत्य को लेकर अपनी निंदा व्यक्त करते हुए 12 फरवरी, 2024 को अपने हस्ताक्षर कर एक निंदा पत्र कुलाधिपति एवं राज्यपाल के नाम एक निंदा ज्ञापन विश्वविद्यालय कुलसचिव को दिया गया। साथ इसकी एक-एक प्रतिलिपि मुख्यमंत्री, राजस्थान सरकार एवं उच्च शिक्षा मंत्री, राजस्थान सरकार को भी प्रेषित की गई।
विश्वविद्यालय कुलसचिव को कुलाधिपति एवं राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा गया जिसमें कुछ छात्रों द्वारा कुलपति महोदय के साथ किया गया अभ्रद व्यवहार, अमर्यादित भाषा का प्रयोग एवं निराधार व्यक्तिगत आरोपों की विश्वविद्यालय के अधिष्ठातागण प्रो. आर.जे. सेंगवा, प्रो. सरोज कौशल, प्रो. सुनील आसोपा, प्रो. सुनील मेहता, केएन कॉलेज निदेशक प्रो. संगीता लूंकड़, सायंकालीन अध्ययन संस्थान निदेशक प्रो. के.ए. गोयल, सिंडीकेट सदस्य प्रो. के.आर. पटेल एवं शिक्षकगण, अशैक्षणिक कर्मचारीगण किशन सेन, अशोक व्यास, किशन गुर्जर के साथ विश्वविद्यालय परिवार के सैकड़ो शिक्षकों एवं कर्मचारीगणों ने इस कृत्य की भर्त्सना करते हुए अपनी ओर से की निंदा को एक ज्ञापन के रूप में सौंपा। इसकी
साथ ही विश्वविद्यालय परिवार ने कुलपति से आग्रह किया कि उनसे जो जबरन इस्तीफा लिखया गया उसे वे वापस लेवे। उनके इस आग्रह पर कुलपति प्रो. श्रीवास्तव ने अपना इस्तीफा वापस लिया। इसके साथ ही शिक्षकगण, कर्मचारीगण ने भविष्य में ऐसे कृत्यों को रोकने हेतु कुलपति से सख्त नियम बनाने की बात उनके समक्ष रखी इसके साथ ऐसे कृत्य करने वाले व्यक्ति के खिलाफ कठोर कार्यवाही करने की बात भी रखी।