अपने परिवार के वृद्धजनों के प्रति ही खत्म हो जा रही है संवेदनाएं:अनुराधा आडवाणी

जोधपुर राजस्थान


वरिष्ठ समाजसेविका और कला मर्मज्ञ अनुराधा आडवाणी ने मरुधरा लोक कला और संगीत सेवा संस्थान की आम सभा में वृद्धजनो की स्थिति से लेकर बच्चों के संस्कारों पर दिया व्याख्यान,राजस्थान की लोक कला और पारंपरिक कलाकारों के मान सम्मान को बनाए रखने का किया आव्हान
जोधपुर। राजस्थानी लोक कलाओं के संरक्षण और संवर्धन के साथ सामाजिक सरोकार के प्रति समर्पण को ध्यान में रखकर स्थापित किए गए मरुधरा लोक कला और संगीत सेवा संस्थान की आमसभा का आयोजन जोधपुर के नवजीवन संस्थान सभागार में जानी-मानी वरिष्ठ समाज सेविका अनुराधा आडवाणी के मुख्य आतिथ्य और संस्थान की अध्यक्ष डॉ स्वाति शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित की गई,जिसमें वृद्ध जनों के सम्मान,बच्चों के संस्कारों और राजस्थान की लोक कला और संस्कृति के संरक्षण के साथ कलाकारों के मान सम्मान को बनाए रखने जैसे विषयों पर मंथन हुआ।


मरुधरा लोक कला एवं संगीत सेवा संस्थान की सचिव सुलोचना गौड़ ने जानकारी देते हुए बताया कि, राजस्थान सरकार के सहकारिता विभाग में विधि विधान से पंजीकृत करने के बाद नियमित रूप से निर्धारित उद्देश्यों की पूर्ति करने के साथ लोक कला और संस्कृति के सरंक्षण से जुड़े आयोजनों के अलावा सामाजिक सरोकार भी निभाए जा रहे हैं,उसी कड़ी में 100 महिलाओं के इस संगठन की आमसभा का आयोजन वरिष्ठ समाज सेविका अनुराधा आडवाणी के मुख्य आतिथ्य और संस्थान की अध्यक्ष डॉ स्वाति शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित किया गया,जिसमें अब तक की गतिविधियों से रूबरू कराने के अलावा भविष्य की योजनाओं पर मंथन करने के साथ संस्थान के सदस्यों से उनकी राय भी जानी गई। विशेष तौर पर वृद्ध जनों के प्रति खत्म होती जारी संवेदनाओं से लेकर बच्चों में महसूस की जा रही संस्कारों की कमी के अलावा राजस्थान की लोक कला और संगीत संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के साथ-साथ लोक कलाकार की स्थिति को लेकर एक विशेष व्याख्यान कार्यक्रम का आयोजन किया गया,जिसे कला मर्मज्ञ और अनुबंध वृद्धजन कुटीर की संचालिका अनुराधा आडवाणी ने संबोधित करते हुए कहा कि, बदलते परिवेश में हावी होती नई संस्कृति के कारण नई पीढ़ी अपने परिवार के ही वृद्ध जनों के प्रति पूरी तरह गंभीर और संवेदनशील नहीं है, इसका असर नई पौध यानी बच्चों में भी साफ तौर पर देखने को मिल रहा है। बच्चों को अपने दादा-दादी और नाना नानी के नाम तक पता नहीं होते हैं जो बड़ा ही चिंता में डालने जैसा है। इससे भी ज्यादा तकलीफ दायक स्थिति यह है कि, उम्रदराज होते वृद्धजनों को वृद्ध आश्रम में स्वयं संताने छोड़ने आ रही है और उनके वृद्ध जन जब किसी बीमारी से गुजर रहे होते है तब फोन किए जाने पर बहाना बनाकर संभालने के लिए आने को टाल देते हैं बल्कि खुद को व्यस्त बता कर वृद्ध आश्रम के संचालकों को संभालने तक का कह देते हैं,हालांकि वृद्ध आश्रम संचालक वृद्ध जनों को संभालने के लिए ही बने हैं लेकिन वृद्ध जन अपनी ही संतानों को हारी बीमारी में याद करते हैं, अपनी संतानों को देखने की और मिलने की उनकी इच्छा होती है,उनकी आंखों से आंसू बहते रहते हैं लेकिन संताने सूचना करने के बाद भी जब अपने ही जन्म देने वाले माता-पिता को आकर नहीं संभालती हैं तो वह स्थित मन को खराब कर देती है।


राजस्थान की लोक कला और संस्कृति को आगे बढ़ाने में वर्षों तक समर्पित रही कला मर्मज्ञ अनुराधा आडवाणी ने राजस्थानी लोक कला,संस्कृति,विरासत, संगीत और परंपराओं के संरक्षण और संवर्धन के लिए आगे आई मरुधरा लोक कला और संगीत सेवा संस्थान की सराहना करते हुए कहा कि, राजस्थान प्रदेश की समृद्ध संस्कृति पूरी दुनिया में अपनी अनूठी पहचान रखती है इस संगीत,संस्कृति,लोक वाद्य, लोक कला,लोक कलाकार और कठपुतली कला के कलाकारों से लेकर अलग अलग विधाओं में पारंगत पारंपरिक लोक कलाकारों ने अपना सर्वस्व योगदान और पूरा जीवन समर्पित कर दिया है उनके प्रति पूरी गंभीरता के साथ कार्य करना,हम सभी का दायित्व है। विशेष तौर पर लोक कलाकारों को समुचित मान सम्मान दिए जाने की भी आवश्यकता है जिससे वे इस कला के संरक्षण और संवर्धन में अपनी ओर से और अधिक समर्पित रह सके।
आम सभा की अध्यक्षता करते हुए मरुधरा लोक कला और संगीत सेवा संस्थान की अध्यक्ष डॉ स्वाति शर्मा ने इस अवसर पर अब तक किए गए सांस्कृतिक और सामाजिक सरोकार के आयोजनों और गतिविधियों के लिए पूरी टीम का साधुवाद दिया और विश्वास व्यक्त किया कि आने वाले समय में और अधिक मनोभाव से राजस्थान की लोक कला और संस्कृति के संरक्षण संवर्धन के आयोजन करने के साथ सामाजिक सरोकारों को समर्पित रहते हुए संस्थान के निर्धारित उद्देश्यों को साकार करते हुए और बेहतर परिणाम ला सकेंगे। उन्होंने वृद्ध जनों के सम्मान करने के साथ नई पीढ़ी के बच्चों में भी संस्कारों को समावेश करने का आव्हान किया और विश्वास दिलाया कि लोक कलाकारों के प्रति हमारा संस्थान समर्पित भाव से विभिन्न प्रकार के आयोजन करेगा।


आम सभा की प्रारंभ में संस्थान की उपाध्यक्ष सुरभि शर्मा ने आमसभा के महत्व पर प्रकाश डाला तो वही संस्थान की सचिव सुलोचना गौड़ ने संस्थान के उद्देश्य से अवगत कराया जबकि कार्यकारिणी सदस्य सुनंदा पुरोहित ने अब तक के आयोजनो की रूपरेखा को प्रस्तुत किया तो वहीं कार्यकारिणी सदस्य सुमन परिहार ने भविष्य की योजनाओं पर प्रकाश डाला,संस्थान की कार्यकारिणी सदस्य ज्योति भटनागर ने वरिष्ठ समाज सेवी अनुराधा आडवाणी के जीवन परिचय से रूबरू करवाया जबकि संस्थान की कार्यकारिणी सदस्य अर्चना गौड़ ने आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर मरुधरा लोक कला और संगीत सेवा संस्थान की कार्यकारिणी सदस्य, डिंपल गौड़,पूनम गौड़,देवयानी पंवार,बिंदु श्रीवास्तव,रश्मि शर्मा, हर्षलता देवड़ा मौजूद रही।