गैंगस्टर अमन साहू और लॉरेंस बिश्नोई का गठबंधन: इस्लामाबाद लिंक के साथ बिहार में बड़ी साजिश।

क्राइम

Who is Gangster Aman Sahu: दरअसल तिहाड़ जेल में बंद गैंगेस्टर लॉरेंस बिश्नोई और झारखंड के जेल में बंद गैंगेस्टर अमन साहू गैंग के सदस्यों के बीच पाकिस्तानी नंबर पर हुई बातचीत ने देश की सुरक्षा एजेंसियों को भी हैरान कर दिया है. पाकिस्तानी नंबर से दोनों गैंग के बीच बातचीत होने की जानकारी मिलने के बाद आइबी, एटीएस और बिहार एसटीएफ के बाद अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) जांच के लिए बिहार पहुंची है.

इनपुट- गोविंद कुमार 

गोपालगंज/पटना. आपने अक्सर शराब के कॉकटेल के बारे में सुना होगा. लेकिन, अब गैंगस्टर का भी कॉकटेल की कहानी भी सामने आ रही है. दरअसल तिहाड़ जेल में बंद गैंगेस्टर लॉरेंस बिश्नोई और झारखंड के जेल में बंद गैंगेस्टर अमन साहू गैंग के सदस्यों के बीच पाकिस्तानी नंबर पर हुई बातचीत ने देश की सुरक्षा एजेंसियों को भी हैरान कर दिया है. पाकिस्तानी नंबर से दोनों गैंग के बीच बातचीत होने की जानकारी मिलने के बाद आइबी, एटीएस और बिहार एसटीएफ के बाद अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) जांच के लिए बिहार पहुंची है. एनएआइए और एटीएस की टीम स्थानीय पुलिस के साथ पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है.

पुलिस की जांच में जब्त किये गये ऑस्ट्रिया निर्मित चार पिस्टल गैंगेस्टर लॉरेंस बिश्नोई के होने की बात सामने आयी है, लेकिन अब झारखंड के गैंगेस्टर अमन साहू के लिए काम करनेवाले मयंक सिंह ने पुलिस को मैसेज भेजकर ऑस्ट्रिया निर्मित सभी चार विदेशी पिस्टल गैंगेस्टर अमन साहू के होने की बात कही है. उसने गोपालगंज में गिरफ्तार राजस्थान के अजमेर जिला के बंगलिश वाश थाने के केशरपुरा निवासी कमल राव को अपना आदमी बताया है. गैंगेस्टर अमन साहू के लिए काम करनेवाला मयंक सिंह कौन है, इसका खुलासा नहीं हो सका है.

कौन है गैंगस्टर अमन साहू?

झारखंड का गैंगस्टर अमन साहू जेल में रहकर ही अपने खौफनाक मंसूबों को अंजाम देता है. उसके ऊपर 50 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं. साहू कोल माइनिंग कंपनियों के मालिक को अपना निशाना बनाता है और उनसे रंगदारी की मांग करता है. अमन साहू का नेटवर्क धनबाद, रांची, रामगढ़, चतरा, हजारीबाग, पलामू, लातेहार, बोकारो जैसे झारखंड के तमाम जिलों में फैला हुआ है. एनआइए की ओर से हाल ही में उसके ठिकानों पर छापेमारी की गयी है. झारखंड के एक जेल अधीक्षक को मर्डर की धमकी दी थी, जिसके बाद दो दिन पहले चाइबासा जेल में शिफ्ट किया गया है.

क्या बिहार में करने वाले था बड़ा कांड?

बता दें, गोपालगंज पुलिस ने बीते 22 जुलाई को गैंगेस्टर लॉरेंस बिश्नोई गैंग के दो शूटरों को गिरफ्तार किया था. दोनों शूटर के पास से ऑस्ट्रिया निर्मित चार ग्लोक पिस्टल बरामद किया गया था. यूपी-बिहार के बलथरी चेकपोस्ट से गिरफ्तारी की गई है. गिरफ्तार शूटरों की पहचान राजस्थान के अजमेर जिला निवासी कमल रावत और मुजफ्फरपुर जिला का संतनु शिवम के रूप में की गई है. एसपी स्वर्ण प्रभात में इसकी जानकारी देते हुए बताया कि दोनों शूटर बिहार के मुजफ्फरपुर और मोतिहारी में किसी बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए आ रहे थे. पूर्व में इलाके कार्य की भी कर चुके थे.