सुजुकी मोटर्स और बनास डेयरी का समझौता: बनासकांठा में 1 साल में 5 बायो सीएनजी प्लांट

बिजनेस

सुजुकी रिसर्च एंड डेवलपमेंट इन इंडिया (SRDI), तोयोहाशी विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों और बनास डेयरी के बीच एक समझौता ज्ञापन (MoU) साइन हुआ है।

सुजुकी मोटर्स गुजरात में बनास डेयरी के साथ मिलकर बनासकांठा में अगले एक साल में 5 बायो सीएनजी प्लांट्स स्थापित करेगी। सुजुकी मोटर्स ने बनासकांठा को इसलिए पसंद किया, क्योंकि पिछले 5 साल से बनास डेयरी द्वारा BIO-CNG के क्षेत्र में सफल प्रयोग किये गये हैं, जो आज एक बेंचमार्क बन गए हैं। बनासकांठा में आयोजित एक किसान सम्मेलन में सुजुकी मोटर कॉर्पोरेशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी तोशिहिरो सुजुकी ने ‘भूमि अमृत’ ब्रांड लोगो का अनावरण किया है। साथ ही बनास बायोगैस प्लांट द्वारा उत्पादित पोषक तत्वों से भरपूर तरल जैविक खाद ‘पावर प्लस’ लॉन्च किया।

साइन हुआ MoU

इस अवसर पर सुजुकी रिसर्च एंड डेवलपमेंट इन इंडिया (SRDI), तोयोहाशी विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों और बनास डेयरी के बीच एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर भी हस्ताक्षर किए गए। इस सहयोग का उद्देश्य उत्तर गुजरात के थराद क्षेत्र में पांच बायोगैस प्लांट स्थापित करना है। इन प्लांटों का उद्देश्य ग्रामीण गतिशीलता और रोजगार सृजन को बढ़ावा देना है। इसके लिए प्रत्येक दो गांवों को पांच मारुति सुजुकी ईको मिनीवैन लीज पर दी जाएंगी। ये ईको मिनीवैन बायोगैस सीएनजी से चलेंगी, जो हरित और स्वच्छ ऊर्जा की अवधारणा का प्रतीक है। बायोगैस सीएनजी की आपूर्ति क्षेत्र में स्थापित होने वाले बायोगैस फिलिंग स्टेशनों के माध्यम से की जाएगी। जबकि जैविक खाद का उत्पादन बनास डेयरी के स्वामित्व वाले बायोगैस प्लांटों द्वारा किया जाएगा।

गोवर्धन परियोजना

बनास डेयरी के अध्यक्ष शंकरभाई चौधरी ने इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और मार्गदर्शन के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने गोवर्धन परियोजना के तहत बनास डेयरी के प्रयासों पर प्रकाश डाला, जिसका उद्देश्य स्वच्छ ईंधन और जैविक खाद प्रदान करना है। चौधरी ने यह भी बताया कि इस पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के आधार पर बनासकांठा जिले भर में अतिरिक्त बायोगैस प्लांट स्थापित किए जाएंगे।