प्रवर्तन निदेशालय ने एक बहुत बड़े फ्रॉड का भांडाफोड़ करते हुए उसके मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया है। इस शख्स ने इंडिया में बैठकर ही अमेरिका में एक महिला के साथ करोड़ों का फ्रॉड कर दिया।
ED ने एक बहुत बड़े फ्रॉड का भांडाफोड़ करते हुए उसके मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। दरअसल कुछ लोगों के ग्रुप ने इंडिया से एक अमेरिकी महिला को संपर्क किया और उसे राजी किया कि वो अपने पैसों को क्रिप्टो करेंसी में ट्रांफसर कर दे। इसके बाद उनका असली खेल शुरू हुआ और कुछ ही समय में उन्होंने महिला को करोड़ों का चूना लगा दिया। अब काफी जांच के बाद ED ने उस शातिर चोर का पता लगा ही लिया। जिस शातिर चोर जो इस धोखाधड़ी का मुख्य आरोपी है उसका नाम लक्ष्य विज है। ED ने लक्ष्य विज को गिरफ्तार कर लिया है और कोर्ट ने उसे 5 दिन के लिए ED की हिरासत में भेज दिया है। आइए आपको इस फ्रॉड के बारे में विस्तार से बताते हैं।
कैसे हुआ महिला के साथ फ्रॉड?
कुछ लोगों के एक ग्रुप ने अमेरिका की एक महिला को संपर्क किया और उसे जैसे-तैसे राजी किया कि उसने बैंक में जो पैसे निवेश किए हुए हैं, उन्हें वो क्रिप्टो करेंसी में ट्रांसफर कर दे क्योंकि मौजूदा खाता सुरक्षित नहीं है। इसके बाद कॉलर ने उस महिला के कंप्यूटर का अनऑथराइज्ड रिमोट एक्सेस ले लिया और उसके फोन नंबर और मेल आईडी से उसके नाम पर एक क्रिप्टो करेंसी का अकाउंट बना दिया। इसके बाद महिला को उसके 4 लाख US डॉलर को उस अकाउंट में ट्रांसफर करने के लिए कहा गया। बाद में जब महिला ने अकाउंट में लॉग इन किया तो अकाउंट खाली मिला।
महिला ने दर्ज कराया मुकदमा
क्रिप्टो करेंसी के नाम पर महिला के साथ बहुत बड़ा फ्रॉड हो गया जिसके बाद उसने शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद मामले की जानकारी भारतीय अधिकारियों को दी गई। इस जानकारी के आधार पर CBI ने कुछ आरोपियों को नामजद करते हुए एक FIR दर्ज की।
ED ने शुरू की जांच
CBI द्वारा दर्ज किए गए इसी FIR के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की। जांच में प्रवर्तन निदेशालय ने पाया कि अमेरिकी महिला के डॉलर को क्रिप्टो करेंसी के अकाउंट से लेने के बाद बिटकॉइन को कई वॉलेट में भेजा गया। जांच के दौरान खुद को बचाने के लिए इन बिटकॉइन्स को कई लेयर में अलग-अलग लोगों को ट्रांसफर किया गया। इसके बाद धोखाधड़ी करने वालों ने पैसे को क्रिप्टो करेंसी खाते से कई डमी संस्थाओं के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया गया। इसके बाद उसे इंडियन करेंसी में तब्दील करने के बाद कई और अकाउंट्स में उसे ट्रांसफर किया गया।
मुख्य आरोपी हुआ गिरफ्तार
प्रवर्तन निदेशालय ने 6 जून 2024 को इस मामले की जांच शुरू की। जांच के दौरान ED को कई डिजीटल सबूत मिले। इसके अलावा ED ने PMLA की धारा 17 और 50 के तहत ऐसे कई लोगों के बयान लिए जिनके वॉलेट का इस्तेमाल क्रिप्टो करेंसी को ट्रांसफर करने के लिए हुआ था। ईडी की जांच के दौरान जमा किए गए सबूतों से पता चला कि लक्ष्य विज ही वह व्यक्ति था जो अलग-अलग लोगों को बिटकॉइन ट्रांसफर करने के ऑर्डर देता था। इसके लिए वो व्हाट्सएप ग्रुप का इस्तेमाल करता था। ED को इसकी भी कॉपियां मिल गई। लक्ष्य विज को मनी लॉन्ड्रिंग का दोषी पाते हुए ED ने 22 जुलाई 2024 को उसे दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया। फिलहाल लक्ष्य विज ED की हिरासत में है और आगे की जांच जारी है।