सावधान रहें: इनकम टैक्स रिफंड के नाम पर साइबर ठगों से अपने बैंक अकाउंट को बचाएं।

क्राइम

हमारे आसपास साइबर ठगी इतनी ज्यादा बढ़ गई है कि ये रोजाना आपको लूटने के लिए नई नई तरकीबों को आजमाते हैं ताकि आप किसी न किसी तरह इनके जाल में फंस जाएं. ये मौसमी बदलाव के साथ साथ अपनी तरकीबों को भी बदलते रहते हैं और लोगों को मौजूदा स्थितियों के अनुसार बेवकूफ बनाते हैं, ये जानते हैं कि जून-जुलाई महीने में सभी टैक्सपेयर्स अपना रिटर्न फाइल करते हैं और अपने रिफंड का इंतजार करते हैं, तो आजकल ये इसी बात का फायदा उठाकर लोगों को रिफंड के नाम पर चूना लगा रहे हैं अगर आप भी रिटर्न भरते हैं तो इनसे सावधान होना जरूरी है इसके लिए पढ़िए ये रिपोर्ट.

पैसा आता हुआ किसको बुरा लगता है और जब अपना ही पैसा वापस आए तो खुशी दोगुनी होती है. ऐसी ही खुशी जून-जुलाई में टैक्सपेयर्स को भी होती है क्योंकि यही वो समय होता है जब इनकम टैक्स रिटर्न फाइल किया जाता है और जुलाई या अगस्त में आपका रिफंड आपके अकाउंट में आ जाता है. ऐसे वक्त में कोई भी रिफंड से जुड़ा मैसेज बेहद खास लगता है जिसे आप नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहते. और इसी बात का फायदा उठाते हुए आजकल साइबर अपराधी इनकम टैक्स रिफंड के नाम से मैसेज भेज रहे हैं.

अपना रिफंड ले लीजिए

ऐसा ही एक मैसेज गुरुग्राम में रहने वाले 42 साल के नरेश कुमार (बदला हुआ नाम) को भी आया, जो पेशे से एक अध्यापक हैं. उन्हें हाल ही में एक मैसेज आया कि उनका 15,490 रुपये का रिफंड उनके बैंक अकाउंट में क्रेडिट कर दिया जाएगा साथ ही उस मैसेज में साइबर अपराधियों ने एक फर्जी अकाउंट नंबर भी दिया. मैसेज में लिखा था कि अगर आपको रिफंड के लिए अपना बैंक अकाउंट नंबर अपडेट करना है तो इस लिंक पर क्लिक करें. चूंकि मैसेज सर्वर कोड से न आकर एक फोन नंबर से आया था तो नरेश जी को शक हुआ और उन्होंने इसको अपने एक दोस्त को भेजकर वेरिफाई किया. उनके साइबर एक्सपर्ट दोस्त ने बताया कि यह मैसेज एक फ्रॉड है तो उन्होंने इसकी सूचना तुरंत साइबर सेल को दी.

साइबर क्राइम की नई ट्रिक

ऐसा ही वाकया दिल्ली में रहने वाले 43 वर्षीय प्रवीण कुमार (बदला हुआ नाम) के साथ भी हुआ. जो कि पेशे से एक व्यवसायी हैं. लेकिन उन्हें मैसेज द्वारा नहीं बल्कि मेल के जरिए संपर्क किया गया था. उन्हें कर्नाटक के इनकम टैक्स विभाग के डिप्टी कमिश्नर द्वारा ईमेल जारी किया गया था जिसमें 41,104 रुपये का रिफंड ओवरड्यू होने की बात लिखी गई थी, ईमेल में लिखा था कि आपकी तरफ से दी गई एक डिटेल सही नहीं है जिसकी वजह से रिफंड क्लियर नहीं हुआ. रिफंड पाने के लिए इस लिंक पर क्लिक करके डिटेल को सही करें. प्रवीण जी को भी मेल भेजने वाले एड्रेस पर थोड़ा शक हुआ और उन्होंने भी इसकी रिपोर्ट साइबर सेल में करवाई.

साइबर ठगों के बुलंद होते हौंसले

दोनों मामले ये बताने के लिए काफी हैं कि साइबर अपराधी आपको किसी भी तरह लूटने की कोशिश करते हैं. बस आपको आपकी सतर्कता ही आपको बचा सकती है. साइबर सिक्योरिटी ऑफिसर राजकुमार यादव कहते हैं कि अब साइबर क्राइम का दायरा काफी ज्यादा बढ़ गया है, इन अपराधियों की हर संभव कोशिश है कि किसी न किसी तरह से आपको चूना लगाया जाए क्योंकि एक तरफ तो इन्हें पकड़ना थोड़ा मुश्किल है वहीं दूसरी तरफ इन मामलों में जमानत पर छूटने से इनके हौसले भी बुलंद रहते हैं. यही वजह है कि ये साइबर ठग लोगों को ठगने से बिल्कुल नहीं घबराते.

मौसमी धोखेबाज

राजकुमार आगे बताते हैं कि साइबर ठग मौजूदा समय में चल रही हर स्थिति को भुनाने की कोशिश करते हैं यानि आप कह सकते हैं कि ये हर आपदा में अवसर तलाश लेते हैं. जैसे आज इनकम टैक्स रिटर्न का समय चल रहा है तो इन्होंने इस ट्रिक को आजमाना शुरू कर दिया है जिसमें रोजाना इनके द्वारा ट्राई किया गया हर 10वां इंसान इनके झांसे में आ जाता है. ऐसा ही इन्होंने राम मंदिर बनने के समय किया. ये लोगों को चंदा देने के नाम पर ठगने लगे. ऐसा ही इलेक्शन रिजल्ट के समय देखा गया. जब लोगों को इलेक्शन जीतने की खुशी में फ्री मोबाइल रिचार्ज के मैसेज आए.

कैसे होती है ये ठगी

ये साइबर ठग इस तरह के लुभावने मैसेज भेजकर आपको एक लिंक पर क्लिक करने के लिए कहते हैं जहां आप अपनी जानकारी दे सकें लेकिन ये लिंक आपके फोन को हैक करने के लिए भेजा जाता है. जैसे ही आप इस लिंक या दिए नंबर को डायल करते हैं वैसे ही आपका फोन हैक हो जाता है और ये आपके बैंक अकाउंट, फोन डाटा को एक्सेस कर पाते हैं. फोन हैक करने के बाद या तो ये आपका बैंक अकाउंट खाली कर देते हैं या फिर आपके कॉन्टेक्ट से आपके नाम पर पैसों की मदद मांगते हैं और लोग आपका नंबर देखकर पैसे भेज भी देते हैं.

इनकम टैक्स विभाग नहीं भेजता ऐसे मैसेज

आपदा में अवसर तलाशने वाले इनकम टैक्स रिफंड वाले मैसेज पर चार्टेड अकाउंटेंट यतिंद्र खेमका कहते हैं कि चूंकि जुलाई-अगस्त महीने में ज्यादातर लोगों का रिफंड आता है ऐसे में लोग इस तरह के मैसेज पर यकीन कर लेते हैं लेकिन ध्यान देने वाली बात है कि सबसे पहले इनकम टैक्स रिफंड के केस में आपको ये बताता है कि आपने जो इनकम टैक्स रिटर्न फाइल की है वो प्रोसेस हो गई है और अगर आपका कोई रिफंड है तो वो प्रोसेस हो गया है लेकिन उस मैसेज में ये बात कहीं नहीं की जाती कि आपको इस लिंक पर क्लिक करना है या आपको अपनी कोई बैंक डिटेल या अन्य डिटेल अपलोड करनी है. अगर थोड़ी भी शंका है तो अपने चार्टेड एकाउंटेंट यानी सीए से संपर्क करें जिसने आपका रिटर्न फाइल किया है.

सर्वर कोड का रखें ध्यान

एसीपी, साइबर क्राइम, नोएडा, विवेक रंजन राय कहते हैं कि ऐसे किसी भी तरह के मैसेज के लिंक पर क्लिक करने से पहले वेरिफाई जरूर करना चाहिए कि ये मैसेज इनकम टैक्स विभाग से आया है या नहीं आया है. सर्वर कोड से आपको इसका पता चल जाता है कि किसी नंबर से ये मैसेज भेजा जा रहा है फिर किसी सर्वर के द्वारा, क्योंकि अगर इनकम टैक्स विभाग से कोई मैसेज भेजा जाता है तो उनका खुद का एक सर्वर कोड होता है.

जैसे आप अक्सर हर बैंक या ऐसे विभाग के मैसेज में देखते हैं. AX-HDFCBK, JD-DOTDEL, JM-ICICIT, TM-KOTAKB ऐसे ही कुछ मैसेजेस के उदाहरण हैं जिसके द्वारा कोई सरकारी और गैर सरकारी संस्था मैसेज के माध्यम से कम्यूनिकेट करती है लेकिन अगर मैसेज किसी सर्वर से न आकर किसी फोन नंबर से आया है तो ये संदेह पैदा करता है.

इनकम टैक्स की साइट पर जाएं

किसी भी शंका की स्थिति में इनकम टैक्स साइट पर जाकर आपने जो रिटर्न फाइल की है उसको चेक कर सकते हैं इसके लिए आपको किसी लिंक पर क्लिक करने की जरूरत नहीं है, साइट से ही आपको पता चल जाएगा कि आपका कितना रिफंड है और वो कब तक प्रोसेस किया जाएगा. ध्यान रखें इनकम टैक्स विभाग ऐसा कोई लिंक नहीं भेजता जिस पर क्लिक करके रिफंड प्रोसेस करवाया जा सके. इनका मकसद आपको लालच देकर आपकी बैंक डिटेल जानना होता है. जिससे आपको बचना है.

कैसे बचें साइबर ठगी से

याद रखने वाली बात है कि साइबर अपराधी आपकी तीन बातों का फायदा उठाते हैं पहला है डर, जिसमें आपको ये बताते हैं कि अगर आप ऐसा नहीं करेंगे तो ये हो जाएगा, जिसमें ज्यादातर लोग डर के मारे पैसा न खोने के चक्कर में इनके भेजे लिंक्स क्लिक कर देते हैं. दूसरा होता है लालच. जिसमें ये पैसे का लालच, किसी स्कीम या फ्री गिफ्ट का लालच देकर आपको लूटते हैं. इसमें ध्यान रखने वाली बात ये होती है कि आपको ऐसी किसी भी स्कीम या गिफ्ट के लालच में नहीं फंसना जहां आपने खुद से अप्लाई न किया हो. तीसरी होती है अज्ञानता, अगर आप किसी बात की जानकारी नहीं रखते हैं तो काफी ज्यादा चांसेज हैं कि आप इनके जाल में फंस जाएं.

इसलिए आजकल बढ़ते साइबर अपराध को देखते हुए आपको किसी भी अनजान मैसेज, मेल या फोन पर आंख बंद करके विश्वास नहीं करना. आप हर बात पर तुरंत रिएक्ट करने से बचें और थोड़ा समय देकर उस डर, लालच या अज्ञानता के बारे में सोचें. दूसरा मिनट देते ही आपको सब क्लियर हो जाएगा और आप इनके झांसे में आने से बच जाएंगें.