धरती के निकट हीरों से भरा ग्रह, 14 किमी मोटी परत ने वैज्ञानिकों को चौंकाया

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वैज्ञानिकों का अनुमान है कि हीरे का निर्माण ‘कार्बन-संतृप्त मैग्मा महासागर में क्रिस्टलीकरण’ के कारण हुआ होगा, लेकिन इस ग्रह के ठंडा होने के साथ हीरा ग्रेफाइट में बदल गया. ग्रेफाइट और हीरा दोनों ही कार्बन के आइसोमर हैं. ग्रेफाइट में कार्बन परमाणु एक-दूसरे से षट्कोणीय नेट में जुड़े होते हैं जबकि हीरे में कार्बन परमाणु एक-दूसरे से चतुष्फलकीय संरचना में जुड़े होते हैं.

Diamond Planet: हाल ही में चीन और बेल्जियम के वैज्ञानिकों ने चौंकाने वाला खोज किया है. वे सूर्य से सबसे नजदीक वाले ग्रह की बुध (Mercury) की कर रहे थे, तभी उन्हें जो मिला वे भरोसा नहीं कर पाए. उन्होंने दावा किया है कि इस ग्रह की सतह के भीतर लगभग 9 मील (14 किमी) मोटी हीरे की एक परत बनने की संभावना हो सकती है. उन्होंने अपनी यह निष्कर्ष नेचर कम्युनिकेशंस नामक पत्रिका में प्रकाशित किया, जिसका शीर्षक था, “A diamond-bearing core-mantle boundary on Mercury.”

वैज्ञानिकों का अनुमान है कि हीरे का निर्माण ‘कार्बन-संतृप्त मैग्मा महासागर में क्रिस्टलीकरण’ के कारण हुआ होगा, लेकिन इस ग्रह के ठंडा होने के साथ हीरा ग्रेफाइट में बदल गया. ग्रेफाइट और हीरा दोनों ही कार्बन के आइसोमर हैं. ग्रेफाइट में कार्बन परमाणु एक-दूसरे से षट्कोणीय नेट में जुड़े होते हैं जबकि हीरे में कार्बन परमाणु एक-दूसरे से चतुष्फलकीय संरचना में जुड़े होते हैं.

बुध का वातावरण किया गया तैयार
बुध पर डायमंड की परत के निर्माण को लेकर बैज्ञानिकों ने उच्च दबाव और तापमान और थर्मोडायनामिक मॉडलिंग के साथ-साथ बुध ग्रह के अंदरूनी हिस्से की स्थितियों को फिर से समझने की कोशिश की. इससे प्रोसेस से उन्हें संतुलन चरण (Equilibrium) में खनिजों का अध्ययन करने में मदद मिली. उन्होंने पाया कि बुध के लौह अयस्क में सल्फर की उपस्थिति क्रिस्टलीकरण प्रक्रिया को आसान बनाती है जिसके परिणामस्वरूप कोर मेंटल सीमा पर हीरा बनता है. हीरे की परत से ग्रह की का तापमान उच्च बना रहता है. जिसके वजह से तापीय चालकता और चुंबकीय क्षेत्र निर्माण को प्रभावित करती है. यह परत कोर से मेंटल तक हीट ट्रांसफर में मदद करती है.

बढ़ेगा इंसानों का लालच
कहीं पर हीरा-सोना होने की पता चले तो क्या होता है, लोग लेने के लूट-मार मचा देते हैं. ऐसे में किसी ग्रह पर हीरे की 9 मील की परत की उपस्थिति इंसानों के लालच को बढ़ा सकता है, हालांकि यहां पर हीरों की माइनिंग असंभव सा है. इस खोज हमें बुध की चुंबकीय क्षेत्र या भूगर्भीय संरचनाओं जैसी अनोखी विशेषताओं के लिए स्पष्टीकरण खोजने का अवसर दे सकती है. वैज्ञानिकों ने पाया है कि हीरे की उपस्थिति संभव है, साथ ही यह भी कहा कि डाटा के आधार पर यह असंभव है कि “हीरा मैग्मा के महासागर में था.” इस अध्ययन का निष्कर्ष है कि बुध में देखी गई प्रक्रियाएं अन्य ग्रहों पर भी पाई जा सकती हैं और वहां भी इसी तरह की हीरे की परतों का पता लगाया जा सकता है.

5 साल तक बुध का करता रहा परिक्रमा
नासा का मैसेंजर, या मर्करी सरफेस, स्पेस एनवायरनमेंट, जियोकेमिस्ट्री, और रेंजिंग, बुध की परिक्रमा करने वाला पहला अंतरिक्ष यान था जबकि यह लगभग 5 वर्षों तक ग्रह की परिक्रमा करता रहा, इसका डेटा उन वैज्ञानिकों के लिए प्रासंगिक रहा है जिन्होंने ग्रह के भूविज्ञान, चुंबकीय क्षेत्र और रासायनिक संरचना का अध्ययन किया. उन्होंने बुध पर प्रचुर मात्रा में कार्बन पाया जिसे आदिम ग्रेफाइट फ्लोटेशन क्रस्ट का रिजल्ट माना गया है.