– एचपी गैस के सेल्स चीफ ने रात 2.45 बजे आइजी के फोन पर दिए थे महत्वपूर्ण सुराग
जोधपुर। पुलिस उप निरीक्षक भर्ती परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक करने के मास्टर माइण्ड को पकड़ने में हिन्दुस्तान पेट्रोलियम के सेल्स चीफ व एक एजेंसी संचालक की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही। पुलिस व एसओजी 14-15 मोस्ट वांटेड को पकड़ने के लिए हैदराबाद व आस-पास रहने वालों पर गोपनीय नजर रखे हुए थी। इस दौरान पुलिस महानिरीक्षक (रेंज) जोधपुर विकास कुमार को एचपी गैस की एक कन्ज्यूमर आइडी के 17 अंकों के नम्बर मिले। आइजी ने रात ढाई बजे एचपी गैस एजेंसी के मालिक को कॉल कर कन्ज्यूमर आइडी का एड्रेस मांगा, लेकिन यह आइडी राज्य के बाहर की होने से वो पता नहीं बता पाए। तब उन्होंने एचपी गैस के सेल्स चीफ के मोबाइल नम्बर दिए।
रात के 2.45 बजे थे। आइजी विकास शर्मा ने एचपी गैस के सेल्स चीफ को कॉल किया। कुछ देर घंटी जाने के बाद उन्होंने कॉल उठाया और कनज्यूमर आइडी का पता बताने का आग्रह किया। सेल्स चीफ ने एक अधिकारी के इतनी रात जागने को गम्भीरता से लिया। कुछ ही देर में उन्होंने कनज्यूमर आइडी हैदराबाद में हीरा एजेंसी का ग्राहक होने की जानकारी दे दी। अब पुलिस सेल्स चीफ व एजेंसी मालिक को सम्मानित करेगी।
अधूरा पता था, एजेंसी के हॉकर ने फ्लैट बता दिया
एचपी की कनज्यूमर आइडी में ग्राहक का पता हैदराबाद की एक आवासीय कॉलोनी का था, लेकिन इमारत का नाम नहीं लिखा हुआ था। पुलिस हीरा गैस एजेंसी पहुंची। उस कनज्यूमर के फ्लैट में गैस सिलेण्डर भेजने वाला हॉकर मिल गया। उसने फ्लैट का सटीक पता बता दिया। एजेंसी मालिक की मदद से पुलिस ने ग्राहक दिनेश बिश्नोई से सम्पर्क किया और सेफ्टी सर्टिफिकेशन करने के लिए फ्लैट पहुंचे, जहां दो व्यक्ति रहने का पता लगा। इसके बाद गैस सिलेण्डर सप्लाई करने के बहाने फ्लैट पहुंचे और सांचौर जिले में करेवी निवासी 75 हजार के इनामी ओमप्रकाश ढाका व वीरवा निवासी 25 हजार के इनामी सुनील बेनीवाल को पकड़ लिया।
दो बार आरएएस मैंस परीक्षा दे चुकी है सम्मी उर्फ छम्मी बिश्नोई
आइजी विकास शर्मा का कहना है कि सांचौर के चितलवाना निवासी सम्मी उर्फ छम्मी बिश्नोई पर 70 हजार का इनाम था। वह वर्ष 2021 में एक प्रतियोगी परीक्षा में फर्जी अभ्यर्थी बनने के मामले में बालोतरा में भी वांटेड है। उस पर 20 हजार रुपए का इनाम है। उसने दो बार आरएएस मैंस परीक्षा दी थी। फिर एक बार फर्जी अभ्यर्थी बनकर परीक्षा दी तो मन में लालच आ गया था। इसके बाद वह अनेक परीक्षाओं में फर्जी अभ्यर्थी बनी थी। एसओजी की जांच में नाम सामने आने पर वह फरार हो गई थी। वह बरसाना में राधा रानी मंदिर की भक्त बन गई थी।
बरसाना में भक्ति करने के दौरान उसने एक वीडियो बनाकर अपने खास व्यक्ति को भेजा। जो पुलिस तक भी पहुंच गया। उससे पुलिस ने सुराग निकाले और बरसाना पहुंच गई थी, जहां सुबह-सुबह वह नदी किनारे आरती करती नजर आई थी। भक्तों की भीड़ अधिक होने से पुलिस ने उसे पकड़ा नहीं। पीछा करते हुए पुलिस उसके ठिकाने पर पहुंसी, जहां उसे पकड़ लिया। उसने कोई विरोध नहीं किया और पुलिस को देख वह बोली, ‘राधे-राधे, जो प्रभु की मर्जी।’