Narendra Modi Russia Tour:रोस्टेक स्टेट कॉर्पोरेशन ने कहा कि पहला फेज पूरा कर लिया गया है. खास बात तो यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रूस दौरे से पहले सेना के लिए ये आई अच्छी खबर आई है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 8 से 10 जुलाई तक रूस और आस्ट्रेलिया की आधिकारिक यात्रा पर रहेंगे. अपनी इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करेंगे. उनके न्योते पर 22वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए पीएम मोदी 8-9 जुलाई को मास्को में होंगे.
नई दिल्ली. तीन दशक से ज्यादा समय से भारतीय सेना के ताकत रही INSAS (Indian National Small Arms System) रायफल अब इतिहास का हिस्सा होने जा रही है. इनकी जगह ले रही है अत्याधुनिक असॉल्ट राइफल. अमेरिका से ली गई सिगसौर राइफल तो पहले ही सैनिकों को दे दी गई है. अब भारत में बनी रूसी AK-203 भी सेना दी जानी शुरू हो गई है. भारत और रूस ज्वाइंट वेंचर इंडो रशियन राइफल प्राइवेट लिमिटेड कंपनी भारत के अमेठी शहर में इसका निर्माण कर रही है और उसने 35000 AK-203 राइफल रक्षा मंत्रालय को सौंप दी है.
रोस्टेक स्टेट कॉर्पोरेशन ने कहा कि पहला फेज पूरा कर लिया गया है. खास बात तो यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रूस दौरे से पहले सेना के लिए ये आई अच्छी खबर आई है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 8 से 10 जुलाई तक रूस और आस्ट्रेलिया की आधिकारिक यात्रा पर रहेंगे. अपनी इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करेंगे.
उनके न्योते पर 22वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए पीएम मोदी 8-9 जुलाई को मास्को में होंगे. अगर इन 35 हजार AK-203 के भारतीय सैनिकों के हाथों में होने की बात करें. तो सेना के सूत्रों के मुताबिक, अब तक 10 हजार AK-203 सेना के अलग-अलग यूनिट में दी जा चुकी है. जबकि बाकी राइफल सेना को डिलीवर हो चुकी है और सैनिकों को दिए जाने से पहले की फाइनल इंसपेक्शन जारी है. जैसे ही यह पूरी हो जाएगी इन्हें भी सेना के जवानों को देने की कम शुरू कर दिया जाएगा.
30 साल पुरानी है इनसास राइफल
खास बात तो यह है कि भारतीय सेना अब तक 5.62 mm कैलिबर की इंसास राइफल का इस्तेमाल कर रही है. उसकी मारक क्षमता को बढ़ाते हुए 7.62 X 39mm कैलिबर AK-203 से बदला जा रहा है एलएसी और एलओसी पर तैनात भारतीय सेना के जवानो को हाथों अब तक इनसास राइफल है जो कि तकरीबन 30 साल से भारतीय सेना में अपने काम को अंजाम दे रही है. अब वो बदलनी शुरू हो गई है और वो भी दुनिया की सबसे आधुनिक गन AK-203 से. कारगिल की जंग में भी भारतीय सेना के जवानों ने इन्हीं इनसास रायफल के जरिए पाकिस्तान को भारतीय जमीन से खदेड़ा था लेकिन अब सेना के जवानों के हाथों को मजबूती देने के लिए पहले अमेरिका से सिगसौर रायफल थमाई गई और अब सेना के जवानों के हाथों होगी.
रूस और भारत ने मिलकर बनाई AK-203
AK सीरीज की अत्याधुनिक असॉल्ट राइफल AK-203 सैन्य ताकत के साथ-साथ रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए रूस और भारत मिलकर उत्तर प्रदेश के अमेठी में AK-203 बनाई जा रही है. काफी इंतजार के बाद भारत और रूस के बीच AK-203 राइफल को लेकर डील 2021 में साइन की गई थी. तकरीबन 5100 करोड़ रुपये की इस डिफेंस डील के तहत अमेठी की फैक्ट्री में करीब 6 लाख राइफलें बनाई जाएंगी. अगर AK-203 की बात करें तो पहले इसके ट्रांसफर ऑफ टेक्नोलॉजी और रॉयल्टी को लेकर कुछ दिक्कतें चल रही थी लेकिन DAC यानी की रक्षा खरीद परिषद की बैठक में चर्चा कर के उस पर मुहर लगा दी गई थी. अगर इसकी खासियत की बात करें तो AK-203 असॉल्ट राइफल्स 300 मीटर की प्रभावी रेंज के साथ हल्के वजन, मजबूत और नई तकनीक के साथ आधुनिक असॉल्ट राइफल्स का उपयोग करने में आसान हैं.
भारतीय सेना की मारक क्षमताओं को धार देने के लिए अमेरिका से 72000 सिगसौर रायफल की खरीद की थी और इसे LAC और LOC पर तैनात सैनिकों को दे दी थी और सेना ने 72000 सिगसौर रायफल का रिपीट ऑर्डर दिया था जो कि भारत तो मिल चुका है.