गली-मोहल्लों में शोर मचाने तक सीमित: विपक्षी वॉकआउट पर पीएम मोदी का करारा तंज

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राष्‍ट्रपति के अभिभाषण पर पर चर्चा का राज्‍यसभा में जवाब देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति महोदया के भाषण में देशवासियों के लिए प्रेरणा भी थी, प्रोत्साहन भी था और एक प्रकार से सत्य मार्ग को पुरस्कृ​त भी किया गया था. पिछले दो-ढाई दिन में इस चर्चा में करीब 70 माननीय सांसदों ने अपने विचार रखे हैं.

नई दिल्‍ली:राष्‍ट्रपति के अभिभाषण पर पर चर्चा का राज्‍यसभा में जवाब देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 10 साल के बाद किसी एक सरकार की लगातार फिर से वापसी हुई है और मैं जानता हूं कि भारत के लोकतंत्र में 6 दशक बाद हुई, ये घटना असामान्य घटना है. देश की जनता ने परफॉर्मेंस को प्राथमिकता दी है. लेकिन जनता का आदेश कुछ लोगों को समझ में नहीं आया. देश की जनता ने भरोसे की राजनीति का अपनाया है. भविष्‍य के संकल्‍पों के लिए जनता ने हमें फिर चुका है. हमारी सरकार को 10 साल हुए, अभी 20 बाकी, उनके मुंह में घी-शक्कर. पिछले दस साल तो हमारे लिए ‘एपेटाइजर’ रहे, ‘मेन कोर्स’ तो अब शुरू हुआ है. पीएम मोदी के भाषण के बीच विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया. इस पर पीएम मोदी ने कहा कि विपक्ष में सच सुनने की ताकत नहीं.

विपक्ष ने सदन से किया वॉकआउट

राष्ट्रपति अभिभाषण पर राज्यसभा में लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर प्रधानमंत्री मोदी के जवाब के बीच कांग्रेस की अगुवाई में विपक्ष ने सदन से वॉकआउट किया. इस पर पीएम मोदी ने कहा, “विपक्ष की नारेबाजी के बीच प्रधानमंत्री ने कहा कि ये उच्च सदन की परंपराओं को अपमानित कर रहे हैं, जनता ने इन्हें इतनी बुरी तरह पराजय कर दिया है कि इनके पास चीखने-चिल्लाने और नारेबाजी के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है. मैं कर्तव्य से बंधा हूं, मैं यहां कोई ‘स्कोर’ करने नहीं आया; देश की जनता को हिसाब देना मैं अपना कर्तव्य मानता हूं.”

भारत की अर्थव्यवस्था को विश्व में तीसरे स्थान पर पहुंचाकर रहेंगे

भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था को बुलंदियों पर लेकर जाने के वादे को दोहराते हुए पीएम मोदी ने कहा, “हम भारत में विकास का नया अध्याय गढ़ना चाहते हैं. यह चुनाव 10 वर्ष की सिद्धियों पर तो मुहर लगाता ही है, भविष्य के संकल्पों के लिए भी देश की जनता ने हमें चुना है. देश की जनता ने हमें आदेश दिया है और हम भारत की अर्थव्यवस्था को विश्व में तीसरे स्थान पर पहुंचाकर रहेंगे. यह चुनाव 10 वर्ष की सिद्धियों पर तो मुहर लगाता ही है, भविष्य के संकल्पों के लिए भी देश की जनता ने हमें चुना है. देश की जनता ने हमें आदेश दिया है और हम भारत की अर्थव्यवस्था को विश्व में तीसरे स्थान पर पहुंचाकर रहेंगे.”

कुछ लोग जानबूझकर इससे अपना मुंह फेर कर बैठे

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “कुछ लोग जानबूझकर इससे अपना मुंह फेर कर बैठे रहे, कुछ लोगों को समझ नहीं आया और जिनको समझ आया उन्होंने हो-हल्ला कर देश की जनता के इस महत्वपूर्ण निर्णय पर छाया करने की कोशिश की. लेकिन मैं पिछले दो दिन से देख रहा हूं कि आखिर पराजय भी स्वीकार हो रही है और दबे मन से विजय भी स्वीकार हो रही है. कुछ लोगों को ‘ऑटो पायलट’ पर सरकार चलाने की आदत रही है, लेकिन हम परिश्रम में विश्वास रखते हैं. हम आने वाले सालों में विकास कार्यों की गति और विस्तार बढ़ाएंगे. हम पर एक-तिहाई सरकार होने का विपक्ष का आरोप सही है, क्योंकि अभी तो हमारी सरकार के 20 साल और होंगे और अब तक तो एक तिहाई ही हुआ है.” 

राष्ट्रपति महोदया के भाषण में देशवासियों के लिए प्रेरणा 

राष्ट्रपति महोदया का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “राष्ट्रपति महोदया के भाषण में देशवासियों के लिए प्रेरणा भी थी, प्रोत्साहन भी था और एक प्रकार से सत्य मार्ग को पुरस्कृ​त भी किया गया था. पिछले दो-ढाई दिन में इस चर्चा में करीब 70 माननीय सांसदों ने अपने विचार रखे हैं. इस चर्चा को समृद्ध बनाने के लिए राष्ट्रपति महोदया के अभिभाषण को व्याख्यायित करने में आप सभी माननीय सांसदों ने जो योगदान दिया है, इसके लिए मैं आप सबका भी आभार व्यक्त करता हूं.”

संविधान सिर्फ अनुच्छेदों का संकलन नहीं

पीएम मोदी ने कहा, “संविधान हमारे लिए केवल अनुच्छेदों का संकलन नहीं है, हम उसके एक-एक शब्द और भावनाओं का आदर करते हैं. देश की जनता ने दुष्प्रचार को, भ्रम की राजनीति को परास्त कर दिया और भरोसे की राजनीति पर विजय की मुहर लगाई है. मेरे जैसे लोग हैं जिन्हें बाबासाहेब आंबेडकर के संविधान के कारण यहां तक आने का मौका मिला है. जब हम संविधान निर्माण के 75वें वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं तो देश के कोने-कोने में इसका उत्सव मनाने का हमने फैसला किया है.”