जोधपुर में शेरों का कुनबा बढ़ाने के लिए 2016 में कानपुर से लाई गई बाघिन कि 21 मई को मोत हो गई । मौत किन कर्म से हुई अभी जांच के बाद ही पता चल पाएगा लेकिन मौत होने से पूरे बायोलॉजी पार्क में शोक की लहर है ।
BFO सरिता कुमारी ने बताया की अंबिका सोमवार को लंबे समय से नींद में सो रही थी । उसे उठाया नहीं गया । काफी समय निकालने के बाद भी अंबिका जब नींद से नहीं उठी, तब कर्मचारियों को शक हुआ । इस पर उन्होंने शेरनी को उठाने का प्रयास किया मगर बाघिन अंबिका नहीं उठी । हमने जो पशुपालन विभाग है जहां से पोस्टमार्टम के लिए बोर्ड गठित होता है तो वह बोर्ड गठित करवा दिया और उसके बाद में उन्होंने कल पोस्टमार्टम किया था सुबह और जो नॉर्मल प्रोटोकॉल होता है टाइगर का sopएन्टी सी के द्वारा जिस के तहत हमने पोस्टमार्टम करवाया था और उसके बाद में इसका जोधा संस्कार है वह किया गया । इंसान की भाति ही टाईगर का स्पेशली जो कार्निवोर्स हैं वो किया । वहीं उन्होंने बायोलॉजी पार्क में गर्मी से बचने के लिए क्या-क्या उपाय किए हुए हैं उसके बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि उनके सबके केस में कूलर की व्यवस्था कर रखी है बाहर है वह स्प्रिंकलर लगा रखा है पानी पुरे एरिया में छिडकाव करते है इसके अलावा जो हमारा टाइगर है उसको छोड़ने से पहले भी कैट्स है उनको थोड़ा नहलाया भी जाता है ताकि हीटवेव से बचाया जा सके । इसके अलावा जहां टाइगर बैठते हैं वहां रेस्टिंग एरिया पर भी पानी का छिड़काव किया जाता है ताकि वहां का वातावरण ठंडा रहे । वही टाइगर अंबिका के सैंपल लेकर कर्मचारियों को बरेली भेजा गया है सैंपल की जांच होने के बाद ही अंबिका की मौत का पता चल पाएगा फिलहाल अबिका की मौत किन कर्म से हुई यह अभी भी रहस्य बना हुआ है ।