जोधपुर में शेरों का कुनबा बढ़ाने के लिए 2016 में कानपुर से इस बाघिन को यहां लाया गया था. किसी कारण वश बाघों का कुनबा तो नहीं बढ़ा, लेकिन अब अंबिका के मौत के साथ ही बाघों के कुनबे बढ़ने की बची खुची उम्मीद भी समाप्त हो गई है.
पश्चिमी राजस्थान में बढ़ा तापमान
पश्चिमी राजस्थान में इन दिनों तापमान लगातार बढ़ा हुआ है. ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि शायद हीट वेव के चलते बाघिन अंबिका की मौत हुई है. सम्भवतः वन्य जीवों को हमेशा की तरह जांच कर बंद करने वाले अधिकारी एवं कर्मचारियों ने ध्यान नहीं दिया. अंबिका सोमवार को लंबे समय से नींद में सो रही थी. उसे उठाया नहीं गया. काफी समय निकालने के बाद भी अंबिका जब नींद से नहीं उठी, तब कर्मचारियों को शक हुआ. इस पर उन्होंने शेरनी को उठाने का प्रयास किया मगर बाघिन अंबिका नहीं उठी.
गर्मी से वन्य जीवों का पिंजरे में बुरा हाल
प्रचंड गर्मी के चलते वन्य जीवों का पिंजरे में बुरा हाल हो जाता है. सूर्य देव का रौद्र रूप आग उगल रहा है. ऐसे में यह सभी वन्य जीव बेहाल हो रहे हैं. गर्मी के चलते बाघिन अंबिका का खाना पीना वैसे भी कम हो गया था. इसके लिए वन विभाग की ओर से कुछ सुविधा शुरू की गई थी. मगर अंबिका की मौत होने से यह कयास लगाया जा रहा है कि शायद इंतजाम नाकाफी थे. संभावना जताई जा रही है कि 45 डिग्री की गर्मी को अंबिका बर्दाश्त नहीं कर पाई और उसकी मौत हो गई.
गर्मी से बाघिन की मौत की आशंका
पूर्व रिटायर्ड रेंजर ओमप्रकाश व्यास ने बताया की पहाड़ी एरिया होने की वजह से माचिया पार्क में तापमान ज्यादा रहता है. ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि संभवत गर्मी से बचने के संसाधन समुचित नहीं होने की वजह से अंबिका की मौत हुई है. हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद पता चलेगा. पूर्व रेंजर ओम प्रकाश व्यास ने कहा कि वैसे तो माचिया बायोलॉजिकल पार्क 650 हेक्टेयर का है. लेकिन 40 हेक्टेयर में ही सिर्फ काम हुआ है बाकी की जमीन पर कोई ध्यान नहीं देता है.