कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा खुद बीजेपी सरकार की पोल खोलने में लगे हैं। जयपुर के सबसे पॉश इलाके गांधी नगर (Gandhi Nagar) में सरकारी क्वार्टर को तोड़कर बनाई जा रही 19 मंजिला इमारत में भ्रष्टाचार का खुलासा करने के बाद के बाद किरोड़ी ने एक और खुलासा किया है।
मीडिया से रूबरू होते हुए शुक्रवार को किरोड़ी लाल मीणा (Kirodi Lal Meena) ने बताया कि गांधी नगर परियोजना की मंजूरी कैबिनेट से नहीं ली गई है। इसे आनन-फानन में मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा (Bhajan Lal Sharma) की मंजूरी के बाद शुरू किया गया है।
‘5 साल में 59 करोड़ कैसे कम हो गई फिक्स कीमत?’
कृषि मंत्री ने कहा, ‘गांधीनगर में सरकारी क्वार्टर बने हुए हैं, जो बहुत जर्जर हालत में हैं. ये बात सही है कि वहां रेनोवेशन होना चाहिए. नया कॉम्प्लेक्स बनना चाहिए. इसीलिए वसुंधरा राजे की सरकार में इस काम के लिए 277 करोड़ रुपये फिक्स किए थे. लेकिन कांग्रेस की सरकार ने इस परियोजना को रोक दिया गया. अचंभा इस बात है कि जब भजनलाल सरकार ने इस योजना को वापस शुरू किया जो 5 साल बाद तय कीमत बढ़ने की बजाय घटकर 218 करोड़ पर कैसे आ गई?’
अचानक घटे जमीन के भाव
किरोड़ी लाल ने बताया कि गांधी नगर वीआईपी इलाका है। यहां हाई कोर्ट के जज, अधिकारियों से लेकर पैरालंपिक खिलाड़ी भी रहते हैं। वहां पर जमीन बेहद बेशकीमती है। लेकिन सरकार ने 8000 रुपए प्रति वर्ग फुट का रेट कागजों में दिखाया है। जबकि मार्केट रेट 25,000 रुपए प्रति वर्ग फुट का है। वहां कुल 17,000 वर्ग फुट जगह है। यानी सरकार को 1146 करोड़ रुपए का चूना लगाया जा रहा है। इसलिए मैंने सीएम को चिट्ठी लिखकर चेताया है।
‘कुछ अधिकारी और प्राइवेट पार्टनर पर्दे के पीछे’
किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि इस पूरे मामले में कुछ अधिकारी और प्राइवेर्ट पार्टनर है जो इसे खुर्द बुर्द करना चाहते हैं। इस योजना की मंजूरी कैबिनेट से नहीं ली गई है इसलिए पूरा मामला संज्ञान में नहीं आया। मुख्यमंत्री से आनन-फानन में मंजूरी ली गई है। गांधी नगर इलाका यूनिवर्सिटी से सटा है इसलिए यहां प्राइवेट सेक्टर को शेयर देने से एंटी सोशल एक्टिविटी बढ़ जाएंगी।
‘मुख्यमंत्री-अधिकारी इसमें डायरेक्ट इन्वोल्व नहीं’
किरोड़ी से पूछा गया कि क्या वह अपनी सरकार और सीएम भजन लाल शर्मा पर उंगली उठा रहे हैं? बाबा ने जवाब दिया कि मैं सीधा ये नहीं कह रहा हूं कि कोई इसमें इन्वोल्व है। मैंने तो सिर्फ ये कहा है कि इतना नुकसान क्यों? सरकार को चूना क्यों लगाया जा रहा है? इसकी जांच कराई जाए। इसमें सीधा न तो मुख्यमंत्री और न कोई अधिकारी इन्वोल्व है।
इसकी जानकारी ली जाएगी की आखिर ऐसा क्यों किया जा रहा है। 25 बड़े फ्लैट्स और 2 टावर प्राइवेट सेक्टर को दिए जाने का प्लान है, जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए। मांग यही है कि इस मामले की जांच करो, वीआईपी सुरक्षा का ध्यान रखो और कोई गबन नहीं होना चाहिए।