जयपुर : देश में चल रहे लोकसभा चुनाव के बीच एक बार फिर राजस्थान की सियासत में तपिश बढ़ती जा रही है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच एक बार फिर सियासी मतभेद उभरने लगे हैं। हाल ही में पायलट ने 25 सितंबर 2022 की घटना का जिक्र करते हुए गहलोत को घेरने का प्रयास किया था। वहीं गहलोत ने भी सचिन पायलट पर तंज कसते हुए उनके एक बयान को बेवकूफी भरा बताया। दोनों नेताओं के बीच फिर से बयानबाजी शुरू होने के बाद कांग्रेस में सियासी हलचल मच गई है। इसको लेकर राजनीतिक जानकार भी अपनी अपनी व्याख्या करने में जुट गए हैं।पायलट को ऐसी बेवकूफी नहीं करनी चाहिए
राजस्थान की सियासत में गहलोत और पायलट के बीच फिर से ‘सियासी वॉर’ छिड़ता नजर आ रहा है। इस दौरान गहलोत ने सचिन पायलट के एक बयान पर तंज कसा। इसमें पायलट ने कहा था कि उन्होंने जालोर में प्रचार करने के लिए कहा था, लेकिन उन्हें बुलाया ही नहीं। इस पर गहलोत ने उन पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि चुनाव में इस तरह की बातों को कई बार मुद्दा बना दिया जाता है, लेकिन इस तरह के मुद्दों पर कॉमेंट करने से बचना चाहिए। चुनाव में कई बार ये अनावश्यक इश्यू बनाया जाता है, लेकिन ऐसी बेवकूफी भी नहीं करनी चाहिए कि मुझे बुलाया नहीं गया। सचिन पायलट को यह बयान नहीं देना चाहिए था, इसकी जरुरत नहीं थी। जिसमें उन्होंने कहा कि मुझे जालोर सिरोही चुनाव प्रचार के लिए नहीं बुलाया गया। कई बार ऐसा हो जाता है, समय नहीं मिल पाता है। हालांकि प्रियंका गांधी जब चुनाव प्रचार करने के लिए आईं थी तो सचिन पायलट भी साथ आते, उनका भी वेलकम होता, लेकिन इस तरह के बयान देने को मैं सही नहीं मानता हूं।
इस तरह के बयानों से चुनाव के बीच कैंडिडेट को नुकसान होता है
अशोक गहलोत ने आगे कहा कि ‘मैं जयपुर ग्रामीण में अनिल चोपड़ा के चुनाव प्रचार में नहीं जा पाया। मेरे OSD से उनकी बात हुई थी, लेकिन समय का तालमेल नहीं बैठा पाया। अगर मैं इस मुद्दे पर बयान देता और कहता कि मैं चोपड़ा के यहां जाना चाहता था, लेकिन मुझे फीडबैक नहीं मिला, यह ठीक नहीं होता है। चुनाव के वक़्त इस तरह के बयान से कैंडिडेट का नुकसान होता है। हर उम्मीदवार जीतने के लिए चुनाव लड़ता है। वहां की क्या परिस्थितियां है, किस नेता की जरुरत है, उसी हिसाब से पार्टी कंट्रोल रूम से मांग की जाती है, लेकिन इस तरह के बयानों से चुनाव के बीच कैंडिडेट को नुकसान होता है। इससे बचना चाहिए।क्या फिर से पायलट और गहलोत में छिड़ा ‘सियासी वॉर’
लोकसभा चुनाव के बीच सचिन पायलट ने भी एक न्यूज एजेंसी को इंटरव्यू दिया था। इस इंटरव्यू से पायलट ने कांग्रेस की सियासत में खलबली मचा दी। उन्होंने 25 सितंबर 2022 की सियासी घटना का जिक्र करते हुए इशारों में गहलोत को घेरने का प्रयास किया। इस बीच अब गहलोत ने भी सचिन पायलट को लेकर बयान दे दिया है। इसके बाद फिर से सियासी चर्चा तेज हो गई है। इधर, पायलट और गहलोत के बीच फिर से सियासी वॉर छिड़ता हुआ नजर आ रहा है। दोनों के एक दूसरे पर आक्रामक होने से कांग्रेस में किसी बड़े सियासी घटनाक्रम की ओर संकेत दिखता नजर रहा है।