जयपुर। राजस्थान में 25 लोकसभा सीटों पर चुनाव संपन्न हो चुका है। भाजपा और कांग्रेस अपनी-अपनी जीत के दावे कर रही हैं। भाजपा ने चुनाव से पहले 25 में से 25 सीटें जीतने का दावा किया था, लेकिन कम वोटिंग प्रतिशत के चलते कांग्रेस को भी उम्मीद जगी है।
दरअसल, जब जब वोटिंग प्रतिशत घटा है कांग्रेस को फायदा हुआ है। अब कांग्रेस नेता भाजपा से एक सीट ज्यादा जीतने का दावा कर रहे हैं। कांग्रेस का मानना है कि राजस्थान में कांग्रेस कम से कम 13 सीटें जीत सकती है। लोकसभा चुनाव 4 जून को आएगा। माना जा रहा है कि परिणाम चाहे जो भी रहे राजस्थान में भाजपा और कांग्रेस के बड़े नेताओं के सियासी ग्राफ में बदलाव लाजमी है।
भाजपा को मिलेगा नया प्रदेशाध्यक्ष
राजस्थान में भाजपा का के प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी है जिन्होंने वर्तमान में सांसद का चुनाव लड़ा है। ब्राह्मण मुख्यमंत्री होने के चलते अब सीपी जोशी को केंद्र में भाजपा आने पर मंत्रीमंडल में जगह दे सकती है या फिर कहीं दूसरी जगह सेट किया जा सकता है। भाजपा राजस्थान में किसी जाट या दलित नेता को प्रदेश अध्यक्ष बना सकती है। वहीं कांग्रेस 4 जून को राजस्थान का मुख्यमंत्री बदलने का दावा कर रही है। लेकिन लगता नहीं है कि अमित शाह या पीएम मोदी इस फैसले पर किसी प्रकार का कोई बदलाव होगा।
हालांकि, राजस्थान में 3-4 सीटें कम होने से कई मंत्रियों के पद खतरे में हैं। किरोड़ी लाल मीणा के बयान उनकी चिंताएं जाहिर कर चुके हैं। इसके अलावा चूरू में चुनाव परिणाम भाजपा के वरिष्ठ नेता राजेंद्र राठौड़ के आने वाले दिनों का सियासी भविष्य तय करेगा। वहीं भाजपा में सबकी नजरें इस पर टिकी हुई है कि लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला तीसरी बार कोटा-बूंदी से चुनाव जीतते हैं और केंद्र में भाजपा की सरकार बनती है तो उन्हें क्या भूमिका मिलेगी?
पायलट-डोटासरा के हाथों में होगी कमान
कांग्रेस की बात करें तो अगर देश में INDI गठबंधन की सरकार बनती है तो राजस्थान कांग्रेस के सभी नेताओं के अच्छे दिन आ जाएंगे। अगर राजस्थान में कांग्रेस पार्टी 4-5 सीटें भी जीत लें तो भी इसका क्रेडिट कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को मिलेगा। खासतौर पर डोटासरा का कद बढ़ जाएगा।
सचिन पायलट की राजस्थान में भूमिका बढ़ी और महत्वपूर्ण हो सकती है। परिणाम कुछ भी हो लेकिन राजस्थान में कांग्रेस की कमान डोटासरा, जूली और पायलट के हाथों में रहने वाली है। कांग्रेस पार्टी सीनियर नेता गहलोत को केंद्र में कोई भूमिका दे सकती है। लोकसभा चुनाव के परिणाम पर कांग्रेस और भाजपा के नेताओं का सियासी भविष्य तय होगा।