राजस्थान लोक सेवा आयोग ने हिंदी लेक्चरर परीक्षा मे एम ए की फर्जी डिग्री लगाकर परीक्षा में शामिल हुई दो महिला अभ्यर्थियों को बुधवार को सिविल लाइन थाना पुलिस के हवाले कर दिया. इसके बाद जांच एजेंसी एसओजी ने दोनों महिला अभ्यर्थियों को गिरफ्तार कर अग्रिम अनुसंधान शुरू कर दिया है.
गिरफ्तार दोनों महिला अभ्यर्थियों ने परीक्षा भी पास कर ली थी, लेकिन शक होने पर RPSC आयोग ने दोनों महिला अभ्यर्थियों के दस्तावेजों की जांच के लिए आयोग बुलाया जहां पूरा मामला सामने आ गया. दोनों अभ्यर्थियों की फर्जी डिग्री के खुलासे के बाद आयोग द्वारा दोनों महिला अभ्यर्थियों को सिविल लाइन थाना पुलिस के हवाले कर दिया.
आरपीएससी के वरिष्ठ उप सचिव अजय सिंह चौहान ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि भूतेल सांचौर निवासी ब्रह्माकुमारी पुत्री बाबूलाल और वाडा बावड़ी सांचौर निवासी कमला कुमारी पुत्री भारमल बिश्नोई के खिलाफ सिविल लाइन थाने में फर्जी डिग्री से परीक्षा देने के मामले में एफआईआर दर्ज कराई गई है.
आयोग ने 2022 में हिंदी स्कूल लेक्चरर परीक्षा आयोजित करवाई थी. इस परीक्षा के लिए ऑनलाइन फॉर्म एप्लीकेशन में दोनों महिलाओं ने फार्म के साथ फर्जी डिग्रियां लगाई थी, जिसमें मेवाड़ यूनिवर्सिटी गंगरार चित्तौड़गढ़ की MA की डिग्रियां फर्जी थी. हिंदी लेक्चरर एग्जाम 15 अक्टूबर 2022 को का आयोजन किया गया था.
यह परीक्षा दो पारियों में आयोजित की गई थी. दोनों ही महिला अभ्यर्थी ब्रह्म कुमारी और कमला कुमारी ने यह परीक्षा तो पास कर ली. इसके बाद 14 जून 2023 को परिणाम घोषित किया गया. दोनों ही महिला अभ्यर्थियों को 31 जुलाई से 14 अगस्त तक दस्तावेज वेरिफिकेशन के लिए बुलाया गया था.
दोनों महिला कैंडिडेट आरपीएससी के समक्ष पेश नहीं हुई. आज दोनों अभ्यर्थियों को आखिरी मौका दस्तावेजों की जांच के लिए दिया गया. दोनों अभ्यर्थी आरपीएससी आयोग पहुंची, जहां उन्हें हिरासत में लेकर सिविल लाइन थाना पुलिस के हवाले कर दिया जहां से SOG उन्हें गिरफ्तार कर अपने साथ ले गई.