12 मार्च को खुलेंगे जन्नत के दरवाजे रमजान महीना इबादत का

चूरू राजस्थान


अख्तर मनियार रिपोर्टर, चूरू- मुस्लिम समुदाय में 12 माह में एक महीना रमजान का आता है। रमजान पवित्र महीने में एक माह के रोजे रखे जाते हैं। सूर्य उदय होने से पहले शहरी की जाती है। शहरी करते समय जो दुआ मांगी जाती है वह कबूल हो जाती है। रोजा एक इबादत है जो मर्द और औरत पर फर्ज है। रोजा रखने की बरकत यह है की अल्लाह ताला उसके गुनाहों को माफ कर देता है।
जब रमजान महीने का चांद नजर आता है तब अल्लाह ताला जन्नत के दरवाजे खोल देते हैं और दोजक के दरवाजे बंद कर दिए जाते हैं। रोजा रखने के बाद रोजेदार कुरान शरीफ की तिलावत, नमाज, तराबी पढ़ कर दिन गुजरता है। रमजान पवित्र महीने में गरीबों की मदद करना, गरीबों को कपड़े देना, गरीबों को खाना खिलाना, जकात, फित्रा देना पुण्य का कार्य माना जाता है। रोजा रखने से हमारे शरीर से कई बीमारियां कट जाती है। रमजान महीने पर हर शख्स पर फितरा लाजमी है।
एक व्यक्ति का फितरा 2 किलो 50 ग्राम गेहूं, चावल,या बाजार तौलकर जरूरतमंद इंसान को देते हैं। जकात अपनी नेक कमाई में से 1000 रूपए पर 25 रूपए के हिसाब से जकात लगती है।


सोना 7:30 तोला, चांदी 12:30 तोला यदि घर में मौजूद है तो उसका भी जकात लाजमी है।
एक माह रमजान के बाद ईद का त्यौहार आता है जो मुस्लिम समुदाय का सबसे बड़ा त्योहार माना जाता है।
रोजा रखने के फायदे
रमजान में 12 से 14 घंटे तक रोजा रखा जाता है, जिससे हमारे पाचन तंत्र को आराम करने का मौका मिल जाता है। यूनिवर्सिटी आफ टेक्सास की स्टडी के मुताबिक खाली पेट रहने या कम मात्रा में खाना खाने से शरीर की सूजन कम होती है। ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है।
कई अंदरूनी बीमारियों से निजात मिलती है। लिवर अच्छा रहता है और वजन कम करने में रोज काफी फायदेमंद होता है।

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