चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह के निर्देशों पर प्रदेशभर में नशीली दवाओं के अवैध कारोबार एवं दुरूपयोग रोकने के लिए 4 मार्च से शुरू किए गए अभियान के तहत ताबड़तोड़ कार्रवाई की जा रही है। यह अभियान 18 मार्च तक चलेगा। इसके तहत सहायक औषधि नियंत्रकों की देखरेख में औषधि नियंत्रण अधिकारी नशे के कारोबार में लिप्त दवा विक्रेताओं की गहनता से जांच कर कार्रवाई कर रहे हैं।
युवा पीढ़ी को नशे से बचाने के लिए एक्शन
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने बताया कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने प्रदेश मैं युवा पीढ़ी को नशे की लत से बचाने के लिए नशीली दवाओं के अवैध कारोबार पर प्रभावी रोकथाम के लिए सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे।
इसी के दृष्टिगत चिकित्सा मंत्री के निर्देशानुसार 15 दिवसीय अभियान चलाया गया है। अभियान के तहत बीकानेर, श्रीगंगानगर एवं हनुमानगढ़ जिलों में करीब 35 लाख रुपए की औषधियों के स्टॉक को जब्त किया गया है तथा 59 औषधि विक्रेताओं के लाइसेंस निलम्बित, 2 औषधि विक्रेताओं के लाइसेंस निरस्त एवं 32 औषधि विक्रेताओं से एनडीपीएस घरकयुक्त औषधियों के बेचान की अनुमति को प्रत्याहारित किया गया है।
200 दवा विक्रेता फर्मों का निरीक्षण
अभियान के प्रथम चरण में 200 दवा विक्रेता फर्मों का निरीक्षण किया गया। इनमें से 33 दवा दुकानों पर फार्मासिस्ट अनुपस्थित मिले तथा 112 दवा विक्रेताओं के द्वारा एनडीपीएस घटकयुक्त औषधियों के विक्रय बिल प्रस्तुत नहीं किए गए।
जोधपुर के औषधि नियंत्रण अधिकारी पंकज गहलोत की रिपोर्ट पर पुलिस थाना चौपासनी हाउसिंग बोर्ड सिटी पश्चिम की ओर से कार्रवाई की गई।
दवाई जब्त कर कार्रवाई
टीम ने आरोपी संजय त्यागी के कब्जे से एनडीपीएस घटकयुक्त औषधि का स्टॉक जब्त कर उसे गिरफ्तार किया गया। वहीं श्रीगंगानगर में बिना औषधि अनुज्ञापत्र के संचालित फर्म के मालिक राहुल के कब्जे से दवाईयों के स्टॉक को जब्त किया गया तथा न्यायालय से अभिरक्षा के आदेश प्राप्त किए गए।