“नौकरी ऐसी हो जिसे करने का मन करे, घर ऐसा हो जहाँ लौटने का मन करे – पंडित प्रदीप मिश्रा”

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Pandit Pradeep Mishra: भिलाई में जारी अंतराष्ट्रीय कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के शिव महापुराण में कहा कि नौकरी ऐसी हो जहां जाने का मन करे और घर ऐसा हो जहां आने का मन करे…

Pandit Pradeep Mishra Shiv Mahapuran Katha in CG: भिलाई के जयंती स्टेडियम में सीहोर वाले अंतराष्ट्रीय कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा के शिव महापुराण के सांतवें और अंतिम दिन शिवभक्तों का जनसैलाब उमड़ा। पंडित मिश्रा ( Pandit Pradeep Mishra) ने भक्तों से शिवजी को एक लोटा जल चढ़ाने का आव्हान किया। मुयमंत्री विष्णु देव साय की धर्मपत्नी कौशल्या साय लगातार सातवें दिन शिव महापुराण सुनने पहुंची। पंडित मिश्रा ने दयासिंह व आयोजन समिति को आयोजन के लिए धन्यवाद दिया।

पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि अगर आप ऑफिस जाते हैं और पहली फाइल उठाने से ही टेंशन आ जाता है तो आपका नौकरी पर जाने का मन नहीं करता। इसी तरह घर में अगर क्लेश हो रहा है, परिवार वालों से विवाद हो रहा है तो घर आने का मन नहीं करता। इसलिए नौकरी ऐसी हो जहां जाने का मन करे और घर ऐसा हो जहां आने का मन करे।

Pandit Pradeep Mishra: पहले हसेंगे, तना कसेंगे फिर प्रणाम करेंगे

पंडित मिश्रा ने कहा कि, जिंदगी के तीन क्रम हैं। सबसे पहले लोग आपके काम पर हसेंगे, फिर आप जब आगे बढ़ने लगेंगे तब दुनिया के लोग आप पर ताने कसेंगे और जब आप उन्नति की सीढ़ी में चढ़ जाओगे तो लोग आपका हाथ जोड़ कर समान करेंगे। ( Pandit Pradeep Mishra ) इसलिए अपना कर्म निरंतर कड़ी मेहनत से करते रहना चाहिए। उन्होंने 12 ज्योतिर्लिंगों की उत्पत्ति के बारे में बताया और कथा को विराम देने से पहले सभी भक्तों का साधुवाद किया और 2 अगस्त सावन के शिवरात्रि पर शाम को 7 बजे ऑनलाइन पूजा से जुड़ने का आग्रह किया।

जूता, कपड़ा व रिश्ता जब कष्ट दें तो त्याग दो

पंडित मिश्रा ने कहा कि अगर आपको कोई कपड़ा या जूता टाइट होने की वजह से कष्ट देता है तो आप उसे नहीं पहनते हैं, त्याग देते हैं। जिंदगी भर आप मेहनत करो और धन दौलत कमा कर घर बंगला बना लो पर अगर घर में आपके बेटे-बेटी आपकी इज्जत नहीं करते, चिल्ला कर बात करते है तो उस धन दौलत का कोई मतलब नहीं राह जाता है। एक महिला टीचर अपने बच्चों को घर पर छोड़ कर सैकड़ों बच्चों का भविष्य संवारने ड्यूटी पर जाती है, ताकि वो उन्हें अच्छी शिक्षा प्रदान कर सके, उनका जीवन और भविष्य संवर सके।

उन्होंने कहा कि जैसे बिल्ली अपने बच्चें को मुंह में पकड़ कर ले जाती है, तो बच्चें को कुछ नहीं होता। परंतु बिल्ली जब चूहे को अपने मुंह में पकड़ती है तो वो बचता नहीं हैं। उसी तरह शिव महापुराण की कथा सुनोगे तो बिल्ली के बच्चे की तरह बचकर निकल जाओगे। अकाल मृत्यु वो मरे जो काम करे चंडाल का, काल उसका क्या बिगाड़े जो भक्त हो महाकाल का।

हर साल कथा के आयोजन का आग्रह

कथा समाप्ति के बाद बोल बम सेवा एवं कल्याण समिति की प्रदेश अध्यक्ष दया सिंह ने पंडित प्रदीप मिश्रा का आभार जताते हुए हर साल भिलाई वालों के लिए शिव महापुराण के आयोजन का आग्रह किया। साथ ही उन्होंने 25 जुलाई से 31 जुलाई तक शिव महापुराण के सफल आयोजन में प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से सहयोग करने वालों के प्रति आभार जताया और शिवभक्तों को साधुवाद दिया।

शिव महापुराण के अंतिम दिन की कथा के बाद पंडित प्रदीप मिश्रा की विदाई के पहले भाजपा पार्षदों ने पंडित प्रदीप मिश्रा से मुलाकात की। सभी पार्षदों ने एक स्वर में अनुरोध किया की भिलाई में हर साल आपके श्रीमुख से एक शिवकथा का आयोजन जरूर करवाए। पंडित प्रदीप मिश्रा ने पार्षदों के अनुरोध सहर्ष स्वीकारा।