मोसाद: इजरायल की खुफिया एजेंसी के गुप्त ऑपरेशन और हत्याओं के रहस्यमय तरीके

विदेश

तेहरान में हमास के प्रमुख हानिया को उसके ही मुख्यालय में हमला करके मार दिया गया. इसके पीछे इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद का नाम लिया जा रहा है. जो इस तरह के आपरेशन में काफी तेज है.

आखिर वो कौन सी बात है जो मोसाद को दूसरी खुफिया एजेंसियों से अलग करता है. इजरायल की ये खुफिया एजेंसी बिल्कुल उस तरह से काम करती है कि कि बाएं हाथ को मालूम ना हो कि दायां हाथ क्या कर रहा है. मोसाद देश से बाहर जबरदस्त तरीके से सीक्रेट आपरेशंस करती है और हत्याएं भी. आखिर ये खुफिया एजेंसी काम कैसे करती है.

मोसाद दूसरे देशों में घुसपैठ करने के लिए कई तरह के तरीकों का इस्तेमाल करता है, जिसमें खुफिया जानकारी जुटाने, गुप्त अभियान और संपत्ति आदि मामलों पर फोकस करके बखूबी काम को अंजाम देता है. किसी भी आपरेशन को करने में उसे हफ्ते से लेकर सालभर तक भी लग सकते हैं. आमतौर पर उसके हर आपरेशन की जानकारी इजरायल के प्रधानमंत्री को रहती है.

झूठी पहचान का इस्तेमाल
मोसाद अक्सर ऑपरेशन चलाने के लिए झूठी या छद्म नाम वाली आईडी का इस्तेमाल करता है, जैसा दुनिया की सभी खुफिया एजेंसियां करती हैं. इसके एजेंट खास नेटवर्क के जरिए जुड़े होते हैं. इसके चलते उन्हें दुनियाभर में कहीं भी जरूरी संसाधन हासिल करने में शायद ही कोई दिक्कत होती हो.

स्थानीय लोगों की भर्ती
मोसाद विदेश में अपने आपरेशंस के लिए टारगेट कंट्रीज में अंदहर स्थानीय मुखबिरों और लोगों की भर्ती करती है. ये भर्तियां कई तरीकों से होती हैं, जिसमें ज्यादातर को वो पहले से जानते हैं, या जिन्हें जानते हैं, उनके जरिए ये काम कराते हैं. मोसाद की आपरेशनल विंग, जिसे केसारिया के नाम से जाना जाता है, वो खासतौर पर अरब देशों में जासूसों को तैनात करती है और उन्हें मैनेज करती है. उनके जरिए वो अहम सूचनाएं जुटाते हैं.

गुप्त ऑपरेशन और हत्याएँ
मोसाद अपने टारगेट मर्डर को लेकर बहुत कुख्यात है, खासकर उन लोगों के खिलाफ जिन्हें इजरायली सुरक्षा के लिए खतरा माना जाता है. ये काम मोसाद की किडॉन यूनिट के एक्सपर्ट लोग करते हैं, जो ना केवल खास तरीके से हत्या करते हैं बल्कि तोड़फोड़ जैसी चीजों को अंजाम देते हैं. उन्हें ये खासे जोखिम वाले ऑपरेशनों को अंजाम देने का काम सौंपा गया है. हालांकि इस तरह की कार्रवाइयों को अंजाम देने से पहले इजरायली प्रधानमंत्री की मंजूरी की जरूरत होती है.

निगरानी कैसे करते हैं
मोसाद एजेंट लक्ष्यों की निगरानी करने और कार्रवाई योग्य खुफिया जानकारी इकट्ठा करने के लिए लोगों के जरिए तो निगरानी का काम कराते ही बल्कि इसके लिए ड्रोन से लेकर सेटेलाइट या दूसरे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की मदद भी लेते हैं.

साइबर ऑपरेशन कैसे होता है-
मोसाद ने अपने ऑपरेशन में साइबर क्षमताओं को तेजी से एकीकृत किया है, जिससे डेटा संग्रह और दुश्मन संचार में अंदर घुसने की रास्ता तलाश लेते हैं.

अन्य एजेंसियों के साथ भी सहयोग
मोसाद अक्सर आपरेशन करने और खुफिया जानकारी साझा करने के लिए अन्य खुफिया एजेंसियों के साथ भी सहयोग करता है. ये सहयोग इसकी क्षमताओं को बढ़ा देता है.

कैसे सीरिया में मिनिस्टर्स तक बना ली घुसपैठ
मोसाद ने सीरिया में सरकार में उच्च स्तर पर घुसपैठ बना ली थी. उसके एक जासूस एली कोहेन ने खुद को सीरियाई व्यवसायी के रूप में प्रस्तुत किया. 1960 के दशक में उसकी घुसपैठ सीरियाई सरकार के उच्च स्तर तक हो गई. जिसमें मंत्री तक शामिल थे. उसकी वजह से इज़राइल के पास सीरिया की सारी जानकारियां पहुंच जाती थीं.

परमाणु वैज्ञानिकों की हत्या
मोसाद को मोहसिन फखरीजादेह जैसे ईरानी परमाणु वैज्ञानिकों की हत्याओं से जोड़ा गया, जिनकी 2020 में एडवांस तकनीक का इस्तेमाल करके हत्या कर दी गई थी, जो जमीन पर उच्च स्तर की योजना और खुफिया जानकारी का संकेत देता है.

एटामिक जानकारी की चोरी
2018 में मोसाद ने तेहरान के एक गोदाम से ईरान के परमाणु अभिलेखागार को चुराने के लिए एक जटिल ऑपरेशन को अंजाम दिया. इस ऑपरेशन में 20 से अधिक एजेंट शामिल थे. इसे मोसाद ने सफलता से करके दिखाया.

वो तकनीक जिस पर मोसाद बहुत काम करता है
मोसाद जानकारी इकट्ठा करने के लिए मानव बुद्धि (HUMINT) और तकनीकी संसाधनों पर बहुत अधिक निर्भर करता है. एजेंसी ने विभिन्न स्रोतों के साथ संबंध विकसित किए हैं, जिनमें शत्रु देशों के भीतर भगोड़े और मुखबिर शामिल हैं, जो ऑपरेशनों में मदद करते हैं.

मोसाद और दूसरी जासूसी एजेंसियों में क्या अंतर है
मोसाद आटोनोमस तरीके से काम करती है. उसे घुसपैठ और आपरेशन के लिए खुद तेजी से फैसले करने की छूट रहती है. उसमें नौकरशाही की रुकावटें इतनी नहीं आतीैं.
इसके उलट सीआईए अधिक जटिल कानूनी ढांचे के तहत काम करती है. उसे कई स्तर पर अनुमति भी लेनी होती है और कानून का पालन भी करना होता है, उससे उसका काम धीमा और लंबा हो जाता है.

मोसाद खास तौर पर टारगेटेड हत्या क्षमताओं के लिए जानी जाती है, जो अक्सर इजरायली सुरक्षा के लिए खतरा माने जाने वाले व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई करती है. सीआईए समेत अन्य खुफिया एजेंसियां ​​भी टारगेट मर्डर करती हैं लेकिन आमतौर पर वो सख्त कानूनी बाधाओं के तहत काम करती हैं.