घर-घर न्यूक्लियर रिएक्टर: बिना प्रदूषण के सूरज जैसी ऊर्जा, वर्षों तक निर्बाध बिजली आपूर्ति

बिजनेस

Solar Energy : सौर ऊर्जा से तो आपका भी घर रौशन हो रहा है, लेकिन भारतीय स्‍टार्टअप ने एक ऐसी खोज की है जिसमें सूरज जैसी न्‍यूक्लियर फ्यूजन वाली तकनीक से ऊर्जा पैदा की जा सकेगी. इसका बाकायदा ट्रायल और पेटेंट भी हो चुका है.

नई दिल्‍ली. जरा सोचिए कि आपके घर में बिजली की सभी जरूरतें सूरज जैसी एनर्जी से पूरी होने लगें तो क्‍या बात हो? अब यह सिर्फ कल्‍पना नहीं जाएगा, क्‍योंकि हैदराबाद स्थित एक भारतीय स्‍टार्टअप ने दुनिया की पहली ऐसी खोज कर ली है, जो घर-घर न्‍यक्लियर रिएक्‍टर लगाने का सपना पूरा कर सकती है. खास बात ये है कि इस लो-एनर्जी न्‍यूक्लियर रिएक्‍टर (LENR) को आप अपने घर की मेज पर रख सकते हैं और इससे न तो कोई प्रदूषण होता है और न ही किसी तरह का रेडियोएक्टिव विकिरण निकलता है. यह जादुई खोज हैदराबाद स्थित घरेलू स्‍टार्टअप हाईलेनर (Hylenr) ने किया है.

कंपनी का दावा है कि यह दुनिया की पहली कोल्‍ड फ्यूजन टेक्‍नोलॉजी है, जो क्‍लीन एनर्जी पैदा करती है. इस प्रोडक्‍ट को पद्मश्री अवार्ड से सम्‍मानित डॉ प्रहृलाद रामाराव ने हैदराबाद में लांच किया. डॉ रामराव एक जानेमाने मिसाइल साइंटिस्‍ट और आकाश मिसाइल सिस्‍टम के प्रोजेक्‍ट डायरेक्‍टर हैं. इस मौके पर हाईलेनर के मुख्‍य वैज्ञानिक अधिकारी डॉ वरप्रसाद, मुख्‍य रणनीतिक अधिकारी राम रामाशेषन और मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी सिद्धार्थ दुरईराजन भी मौजूद रहे. इस खोज को भारत सरकार की ओर से पेटेंट भी मिल चुका है.

क्‍या है प्रोडक्‍ट की खासियत
कंपनी का कहना है कि यह प्रोडक्‍ट न्‍यूक्लियर फ्यूजन तकनीक पर आधारित है, जो सूरज में पाई जाती है. इसकी मदद से गर्मी को बढ़ाया जा सकता है. इस तकनीक में हाइड्रोजन के अणु आपस में जुड़कर गर्मी पैदा करते हैं. डॉ रामाराव ने कहा, हमें पता है कि ज्‍यादातर लोग न्‍यूक्लियर फ्यूजन के नाम से ही डर जाते हैं. हमने इस प्रोडक्‍ट में ज्‍यादा कुछ नहीं किया है, बस हाईड्रोजन, निकिल और पैलेडियम को मिलाकर अतिरिक्‍त ऊर्जा पैदा की है. इसका रिएक्‍टर भी स्‍टील का बना है और इसमें से निकलने वाली ऊर्जा न तो रेडियोएक्टिव है और न ही कोई प्रदूषण होता है.

कैसे काम करता है प्रोडक्‍ट
यह प्रोडक्‍ट लो एनर्जी का उपयोग कर ज्‍यादा ऊर्जा और गर्मी पैदा करने की क्षमता रखता है. बहुत कम मात्रा में बिजली का इस्‍तेमाल कर इसके रिएक्‍शन को शुरू किया जा सकता है और यह डेढ़ से ढाई गुना तक एनर्जी को बढ़ा देगा. यह प्रोडक्‍ट पॉवर जेनरेशन की फील्‍ड में एक गेम चेंजर साबित हो सकता है. कंपनी का कहना है कि इसे बनाने में करीब 10 साल का समय लगा है और इस प्रोडक्‍ट की लागत 1 लाख रुपये प्रति रिएक्‍टर आती है.

क्‍या है इसका उपयोग
कंपनी का कहना है कि इसका इस्‍तमाल सर्दियों में रूम हीटर की तरह किया जा सकता है. साथ ही इंडक्‍शन जैसी तकनीक को और बढ़ा सकता है. इसका इस्‍तेमाल स्‍टीम पैदा करने से लेकर तमाम घरेलू और औद्योगिक जरूरतों में किया जा सकेगा. लांच के मौके पर कंपनी ने लाइव टेस्टिंग में दिखाया कि कैस 100 वॉट की बिजली का इस्‍तेमाल कर इस प्रोडक्‍ट ने 150 वॉट की हीट पैदा की. कंपनी ने कहा है कि इसका कॉमर्शियल यूज बढ़ाने के लिए हम फंडिंग का इंतजार कर रहे हैं.