पुलिस के मुताबिक पहली एफआईआर पीसीसी चीफ गोविंद डोटासरा, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली, विधायक अशोक चांदना, चेतन पटेल और सीएल प्रेमी के खिलाफ दर्ज हुई है
Kota Congress Protest : कोटा। राजस्थान में कोटा में कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन मामले में बड़ा अपडेट सामने आया है। प्रदर्शन मामले में पुलिस ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली सहित 13 नेताओं के खिलाफ केस दर्ज किया है। बता दें कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने नीट परीक्षा रद्द करने, पानी-बिजली, कानून व्यवस्था समेत अन्य मद्दों को लेकर सोमवार को कलक्ट्रेट में प्रदर्शन किया था।
जानकारी के मुताबिक पुलिस ने कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन के बाद देर रात दो एफआईआर दर्ज की। जिसमें 6 कांग्रेस नेताओं सहित 7 कांग्रेसी कार्यकर्ताओं का नाम शामिल है। इन सभी लोगों पर राजकार्य में बाधा डालने का आरोप लगा है। एफआईआर में उग्र प्रदर्शन करने और हैड कांस्टेबल से मारपीट करने के आरोप लगा है।
पुलिस के मुताबिक पहली एफआईआर पीसीसी चीफ गोविंद डोटासरा, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली, विधायक अशोक चांदना, चेतन पटेल और सीएल प्रेमी के खिलाफ दर्ज हुई है। वहीं, दूसरी एफआईआर में कांग्रेस नेता व पूर्व विधायक प्रह्लाद गुंजल, नईमुद्दीन गुड्डू, मोईजुद्दीन गुड्डू, जिलाध्यक्ष भानुप्रताप सहित 8 लोगों का नाम शामिल है।
डोटासरा की आईजी को धमकी
बता दें कि प्रदर्शन के दौरान प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कानून व्यवस्था को लेकर पुलिस महानिरीक्षक को आड़े हाथों लेते हुए कहा था कि आईजी कानून के हिसाब से काम करें। कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर ज्यादती नहीं रुकी तो घुटनों के बल नहीं चलाया तो मेरा नाम भी गोविंद डोटासरा नहीं है। डोटासरा ने शिक्षा मंत्री मदद दिलावर को नमूना बताते हुए कहा कि पिछली सरकार में इन्हें ‘समाज कलंक’ मंत्री के नाम से पुकारते थे।
आरएएस से झूठ बोलना सीखने वाले दिलावर पर 14 मामले दर्ज है। उन्होंने सीएम से अनपढ़ व विकलांग मानसिकता वाले मंत्री मदन दिलावर का इस्तीफा लेने की मांग की। वहीं, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि कैथून में बाबा साहब की मूर्ति तोड़ने के मामले में कहा कि ‘बाबा साहब पर अंगुली उठी तो हाथ काट दिए जाएंगे।
कार्यकर्ताओं पर चलाई वाटर केनन
प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता बेरिकेट्स गिराकर जबर्दस्ती कलक्ट्री की ओर कूच करने लगे तो पुलिस ने सती दिखाते हुए वाटर केनन से पानी की बौछारें चलाकर कार्यकर्ताओं को तितर-बितर कर दिया। फिर पुलिस ने नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरतार कर श्रीनाथपुरम स्टेडियम में छोड़ दिया था।