रातोरात अमीर बनने की लालसा के चलते अधिकांश लोग हो रहे साइबर अपराध के शिकार: पुलिस कमिश्नर

जोधपुर राजस्थान


मोबाइल सेफ्टी और साइबर अपराध जागरूकता सेमिनार हुई आयोजित,जोधपुर पुलिस कमिश्नरेट और सत्यमेव जयते सिटिजन सोसायटी का साझा आयोजन,साइबर पुलिस थाना टीम ने मोबाइल सेफ्टी और साइबर जागरूकता को लेकर दी जानकारी
जोधपुर। जोधपुर के पुलिस कमिश्नर राजेंद्र सिंह का मानना है कि,साइबर फ्रॉड और साइबर अपराध के 90% वे लोग शिकार होते हैं,जो रातों-रात अरबपति,करोड़पति या लखपति बनना चाहते हैं,लालच में अंधे होने के बाद उस वक्त कुछ भी दिखाई नहीं देता और जो जो जानकारी मांगी जाती है वह दे दिए जाने के बाद सिर्फ पछतावा होता है और तब तक व्यक्ति साइबर अपराध का शिकार हो चुका होता है।


यह बात जोधपुर के पुलिस कमिश्नर राजेंद्र सिंह ने जोधपुर पुलिस कमिश्नर रेट और सत्यमेव जयते सिटिजन सोसायटी की ओर से जोधपुर के होटल रेस्टर सिलेक्ट में आयोजित सेमिनार को संबोधित करते हुए कही। कार्यक्रम की अध्यक्षता सोसायटी की अध्यक्ष विमला गट्टानी ने की,जबकि इस अवसर पर सेमिनार संयोजक श्रेणिक जैन,राजस्थान उच्च न्यायालय के अधिवक्ता और एडवाइजरी बोर्ड के निदेशक हस्तीमल सारस्वत, प्रवीण मेढ, उपाध्यक्ष प्रीति कौशल, कोषाध्यक्ष सूरज एस गांग,कार्यकारिणी सदस्य अश्विनी दास,अंजू भाटी,सैयद अहमद और संतोष मेहता सहित सोसायटी सदस्यों ने पूरे उत्साह के साथ शिरकत की।
सोसायटी की सचिव चंद्र किरण दवे ने जानकारी देते हुए बताया कि,जोधपुर पुलिस कमिश्नरेट और सत्यमेव जयते सिटिजन सोसायटी के संयुक्त तत्वाधान में मोबाइल सेफ्टी और साइबर अपराध जागरूकता सेमिनार का आयोजन आईटीआई चौराहे के पास स्थित होटल रेस्टर सिलेक्ट में किया गया इस सेमिनार में मोबाइल को हैक करने से लेकर डाटा चोरी हो जाने से लेकर विभिन्न प्रकार के साइबर अपराधों के माध्यम से होने वाले नुकसान इत्यादि की जानकारी दिए जाने के साथ और समाधान भी विशेषज्ञो द्वारा बताए गए।


सेमिनार में नेशनल सिक्योरिटी डाटाबेस की साइबर क्राइम इंटरवेंशन ऑफिसर अमृता एस दूदिया,असिस्टेंट पुलिस कमिश्नर जयराम मुंडेल,साइबर थाना प्रभारी दिनेश डांगी,साइबर अपराध रोकथाम विशेषज्ञ पुनीत गहलोत, ए एस आई कान सिंह, साइबर एक्सपर्ट रामदयाल, रतनाराम और महिपाल सिंह ने साइबर अपराध के तरीकों से लेकर रोकथाम की जानकारी देने के साथ मोबाइल से होने वाले अपराध और मोबाइल को हैक किए जाने से चोरी होने वाले डाटा इत्यादि को लेकर बरती जाने वाली सावधानियों से रूबरू कराया।
इस अवसर पर पुलिस कमिश्नर राजेंद्र सिंह संबोधित करते हुए कहा कि, साइबर अपराध से बचने का सबसे महत्वपूर्ण उपाय यही है कि मोबाइल को प्रयोग करने से लेकर किसी भी प्रकार के आने वाले संदेश इत्यादि को बिना सोचे समझे कोई भी व्यक्ति अगर अटेंड नहीं करता है या बिना किसी लालच में आए इस तरह लोक लुभावना लालच के तौर तरीके ऑफर किए जाने के वक्त पुलिस या साइबर विशेषज्ञ की मदद ली जाती है तो ऐसे अपराधों से बचा जा सकता है। हमारी साइबर टीम ने लगातार हर तरह की शिकायतो के समाधान के लिए न केवल पूरी मुस्तैदी से अपनी सेवाएं दी है बल्कि करोड़ों की ठगी के मामले में साइबर टीम की मेहनत से वसूली तक हुई है।
मोबाइल सेफ्टी और साइबर अपराध जागरूकता सेमिनार के प्रारंभ में अतिथियों के स्वागत करने के साथ आयोजन पर प्रकाश डालते हुए समिति की अध्यक्ष विमला गट्टानी ने बताया कि हमारे संस्थान द्वारा अब तक 5000 से अधिक कॉलेज स्कूल के विद्यार्थियों को साइबर अपराध की बारीकी से जानकारी देने के साथ उनको जागरूक कराया जा चुका है।पुलिस कमिश्नरेट जोधपुर के साथ इस जागरूकता कार्यक्रम के माध्यम से आमजन को सचेत करना हमारा उद्देश्य है। इस दौरान 16 करोड़ की ठगी होने के बाद साइबर टीम की मदद से मामले को सुलझाने के साथ करोड़ों की राशि वापस दिलवाने पर परिवादी हंसराज बाहेती ने जोधपुर पुलिस कमिश्नरेट की भूरि भूरि प्रशंसा की।कार्यक्रम के अंत में कार्यक्रम के संयोजक श्रेणिक जैन ने आभार व्यक्त किया।