Air Pollution: बीते एक सप्ताह से अरब सागर की नमी प्रवेश कर रही है। इससे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 100 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से नीचे आ गया है।
Monsoon 2024: मानसून के नजदीक आते ही प्रदेश की आबोहवा में सुधार होने लगा है। वातावरण में नमी बढ़ने और तेज दक्षिण पश्चिमी हवा चलने से आसमान लगभग साफ है। वायु प्रदूषक गायब होने लगे हैं। अगले दिनों मानसून की बरसात में बार-बार आसमान की धुलाई होने से वह साफ रहेगा। ऐसे में प्रदेश में सितम्बर यानी मानसून जाने तक आबोहवा शुद्ध बनी रहेगी, इससे खासतौर पर सांस के रोगियों को काफी फायदा होगा।
बीते एक सप्ताह से अरब सागर की नमी प्रवेश कर रही है। इससे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 100 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से नीचे आ गया है। एक्यूआई 0 से 50 बेहतर और 51 से 100 संतोषजनक माना जाता है। यानी एक सप्ताह से प्रदेशवासियों को अच्छी हवा मिल रही है।
तेज हवा व बारिश से इकठ्ठा नहीं होते प्रदूषक तत्व
तेज हवा, बरसात और नमी के कारण हवा में मौजूद प्रदूषक तत्व एक साथ एकत्र नहीं होते हैं, जिससे हवा प्रदूषित नहीं होती है। बरसात में तो प्रदूषक तत्व पानी के साथ जमीन पर आकर बह जाते हैं।
क्या है एक्यूआई
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण मंडल वायु की गुणवत्ता के लिए छह प्रदूषक का मापन करता है। इसमें हवा के महीन कण यानी पार्टिकुलर मैटर पीएम 10, पीएम 2.5, कार्बन मोनोऑक्साइड, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड और ओजोन शामिल है। जोधपुर सहित अधिकांश स्थानों पर पीएम 10 और पीएम 2.5 कणों का ही प्रदूषण होता है। पीएम कणों में धूल कण, कार्बन कण, जल वाष्प, गाड़ियों से निकलने वाले अपशिष्ट के बारीक गण, कुछ गैसें शामिल होती हैं। इनके कण 2.5 माइक्रोन से लेकर 10 माइक्रोन तक छोटे होते हैं, जो श्वास के जरिए फैफड़ों के अंदर जाकर अस्थमा, सीओपीडी जैसे रोग पैदा कर देते हैं।