कुवैत में एक इमारत में लगी आग से करीब 40 भारतीयों की मौत हो गई। इनमें से अधिकतर केरल के निवासी हैं। केरल में मृतकों के परिजनों ने शोक मनाया। इस दौरान, कुछ परिजनों का कहना है कि उन्हें अधिकारियों से अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं मिली है। टीवी चैनलों ने राज्य भर से केरल के 14 लोगों की तस्वीरें दिखाईं। जिन्होंने आग में अपनी जान गंवा दी।
रंजीत के गांव में गम का माहौल है
बता दें, कुवैत में काम कर रहे उत्तरी केरल के रहने वाले रंजीत डेढ़ साल पहले नए घर में गृहप्रवेश के बाद कुवैत गए थे। वे जुलाई में छुट्टी पर आने वाले थे। इमारत में आग लगने की खबर से पूरा गांव सन्न है। अनौपचारिक रूप से जानकारी मिली है कि रंजीत की भी हादसे में मौत हो गई है। गांव के एक व्यक्ति ने बताया कि रंजीत काफी दयालु और भरोसेमंद व्यक्ति थे। वे बीमार माता-पिता के आखिरी उम्मीद थे।
दूतावास ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर
घटना की जानकारी मिलते ही कुवैत में पदस्थ भारत के राजदूत आदर्श स्वैका तुरंत घटनास्थल के लिए रवाना हो गए। उन्होंने अस्पतालों का दौरा किया। दूतावास ने कहा कि कुवैती अधिकारी मामले में पूरा सहयोग कर रहे हैं। हम लोगों की हर संभव मदद कर रहे हैं। इधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर, विदेश राज्यमंत्री कीर्तिवर्धन सिंह पार्थिव शरीर को शीघ्र वापस लाने और घायलों को चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराने के लिए कुवैत रवाना हो रहे हैं। विदेश मंत्रालय के एक बयान में कहा गया कि हमारा दूतावास प्रभावित लोगों को राहत प्रदान करने के लिए स्थानीय अधिकारियों से लगातार संपर्क में है। दूतावास ने +965-65505246 (व्हाट्सएप और नियमित कॉल) हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। हेल्पलाइन के माध्यम से नियमित अपडेट प्रदान किए जा रहे हैं।
विदेश मंत्री ने जताया दुख
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक्स पर एक पोस्ट किया। इसमें उन्होंने कहा कि वे इस खबर से बहुत सदमे में हैं। उन्होंने पीड़ित परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि जयशंकर ने अपने कुवैती समकक्ष अब्दुल्ला अल-याह्या से फोन पर बात की है।