9 to 5 Job Ends: 9 टू 5 वाली जॉब हमेशा ही बेहतरीन होती है. टाइमिंग के हिसाब से भी यह नौकरी बेस्ट मानी जाती है. वहीं लिंक्डइन के को-फाउंडर ने रीड हॉफमैन ने साल 2034 तक 9 टू 5 जॉब के खत्म होने की भविष्यवाणी की है.
नई दिल्ली:
9 to 5 Jobs End Soon: 9 टू 5 वाली जॉब को हमेशा से बेस्ड नौकरी कहा जाता है. टाइमिंग के हिसाब से भी यह नौकरी बेस्ट मानी जाती है. वहीं लिंक्डइन के को-फाउंडर ने रीड हॉफमैन ने साल 2034 तक 9 टू 5 जॉब के खत्म होने की भविष्यवाणी की है. लिंक्डइन के को-फाउंडर रीड हॉफमैन की यह भविष्यवाणी इंटरनेट पर खूब वायरल हो रही है. हाल ही में जारी एक वीडियो क्लिप में हॉफमैन ने कहा कि वे देख रहे हैं कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आज के कार्यबल में व्यवधान उत्पन्न कर रहा है और दुनिया में पारंपरिक नौकरी व्यवस्था को खत्म कर रहा है.
भविष्य में कॉन्ट्रैक्ट पर काम होंगे
रीड हॉफमैन ने कहा कि जरूरी नहीं कि भविष्य में लोगों को नौकरियां मिले बल्कि वह गिग इकॉनमी में भाग ले. इसका मतलब है कि आप अनुबंध के तहत कई क्षेत्रों में विभिन्न कंपनियों के साथ काम करेंगे. अधिक पारंपरिक पदों की तुलना में इस तरह से नौकरी की सुरक्षा कम हो सकती है. भले ही यह आपको अधिक लचीलापन और अधिक विकल्प प्रदान करता हो.
ChatGPT आने से कुछ दशक पहले की बात
एंटरप्रेन्योर और एन्जल इन्वेस्टर नील तापारिया ने हॉफमैन का वीडियो साझा किया और उनकी उन भविष्यवाणियों का विवरण दिया जो सच साबित हुई हैं. अपने पोस्ट में, तापड़िया ने यह भी बताया कि हॉफमैन ने सोशल मीडिया, शेयरिंग इकॉनमी और एआई की क्रांति की कल्पना 1997 में ही कर ली थी, यह चैटजीपीटी (ChatGPT) के आने से कुछ दशक पहले की बात है. उन्होंने बताया कि जिस गति से एआई का विकास हुआ है, वह अविश्वसनीय और थोड़ा परेशान करने वाला है. चैटजीपीटी के बाजार में आने के कुछ ही दिनों के भीतर, दुनिया भर में लाखों नौकरियां अप्रासंगिक हो गईं और कई कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को एआई तकनीकों के साथ काम करने के लिए प्रशिक्षित करना शुरू कर दिया.
तापड़िया ने एक्स पर वीडियो साझा करते हुए लिखा, “हॉफमैन की पिछली भविष्यवाणियां डरावनी हैं: उन्होंने सोशल नेटवर्क दुनिया को बदलने (लिंक्डइन 26 बिलियन डॉलर में बिका), शेयरिंग अर्थव्यवस्था (एयरबीएनबी के शुरुआती निवेशक), चैटजीपीटी से कई साल पहले एआई रिवॉल्यूशन की भविष्यवाणी की गई थी.”
फ्रीलांशर कमाएंगे ज्यादा
तापड़िया ने यह भी कहा कि भविष्य में किसी समय फ्रीलांसर स्थायी कर्मचारियों की तुलना में काफी अधिक कमाएंगे और रिज्यूमे/सीवी का चलन खत्म हो सकता है.