कमला हैरिस की राष्ट्रपति पद की दावेदारी: बाइडन के हटने के बाद चुनौतियाँ और संभावनाएँ

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US President Election : अमेरिकी प्रेसीडेंट जो बाइडन ने नवंबर महीने में होने वाले राष्ट्रपति पद के चुनाव से हटने का फैसला किया है. इससे अब इस दौड़ में कमला हैरिस आगे हो गई हैं लेकिन क्या डेमोक्रेट्स उन्हें प्रेसीडेंट कैंडीडेट बनाएंगे.

जबरदस्त दबाव के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने चुनावों में प्रेसीडेंट पोस्ट की दौड़ से नाम वापस लेने की घोषणा कर दी है. हालांकि बाइडन ने एक्स (ट्विटर) हैंडल में उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को अपना नॉमिनी बताया है लेकिन हैरिस को डेमोक्रेटिक पार्टी का आधिकारिक प्रत्याशी बनने के लिए अभी कई बाधाएं लांघनी होंगी. ये देखना होगा कि कोई और ताकतवर डेमोक्रेटिक प्रत्याशी तो उनके रास्ते में नहीं आता है.

बाइडेन ने चुनाव से नाम वापस लेते हुए कहा, “मेरा मानना ​​है कि ये मेरी पार्टी और देश के सर्वोत्तम हित में है कि मैं चुनाव से हट जाऊं और अपना बचा हुआ टर्म केवल राष्ट्रपति के रूप में अपने कर्तव्यों को पूरा करने पर फोकस करूं.”

बिडेन ने उपराष्ट्रपति हैरिस का समर्थन किया. बाइडेन ने एक्स पर साझा पोस्ट में कहा, “आज मैं कमला को इस साल हमारी पार्टी का उम्मीदवार बनाने के लिए अपना पूरा समर्थन देना चाहता हूं. डेमोक्रेट्स – अब एक साथ आने और ट्रंप को हराने का समय आ गया है. चलो ऐसा करते हैं.”

आने वाले दिन इसलिए अहम रहेंगे क्योंकि डेमोक्रेटिक नेता पार्टी के कई गुटों को हैरिस के इर्द-गिर्द एकजुट करने की कोशिश करेंगे, जिन्हें पार्टी की नई ध्वजवाहक माना जा रहा है.

जो सवाल अभी उभर रहे हैं, वो ये हैं, जिसके जवाब हम देने की कोशिश करेंगे

– बाइडेन की जगह कौन लेगा?
– नये नामांकित कैंडीडेट को कैसे चुना जाएगा?
– ये नाम कितनी जल्दी तय किया जा सकता है?
– ट्रंप के मुकाबले हैरिस की स्थिति कितनी अच्छी है?
– बाइडन द्वारा जुटाई गई चुनावी कैंपेन की धनराशि का क्या होगा?

कौन लेगा बाइडन की जगह यानि बनेगा प्रेसीडेंट कैंडीडेट
हैरिस शीर्ष पद पर बाइडेन की जगह लेने वाली सबसे मजबूत दावेदार हैं. इसलिए भी कि वह इस समय उपराष्ट्रपति हैं और बाइडेन ने उनका समर्थन भी किया है. पार्टी में भी कई लोगों ने संकेत दे दिया है कि वे उन्हें उम्मीदवार के रूप में स्वीकार करेंगे. हालांकि माना जा रहा है कि बराक ओबामा के समर्थन वाली मजबूत लॉबी शायद किसी और शख्स को चुनावों में प्रेसीडेंट कैंडीडेट बनाना चाहेंगे.

हैरिस का नामांकन सिर्फ़ इसलिए पक्का नहीं कहा जा सकता क्योंकि उन्हें बाइडेन का समर्थन हासिल है. डेमोक्रेटिक पार्टी किसी दूसरे उम्मीदवार को चुनने के लिए आजाद है.

नए कैंडीडेट का नोमिनेशन कैसे होगा
हालांकि अधिकांश डेमोक्रेट और रणनीतिकारों को उम्मीद है कि वह उनकी जगह लेंगी लेकिन असल में डेमोक्रेटिक पार्टी के असल प्रेसीडेंट कैंडीडेट पर मुहर अगस्त में डेमोक्रेटिक नेशनल कन्वेंशन में ही लगेगी. वहां पार्टी के प्रतिनिधि किसी भी उम्मीदवार को वोट देकर उन्हें प्रेसीडेंट कैंडीडेट के लिए तय करेंगे. इसमें बाइडेन का समर्थन करने वाले प्रतिनिधि भी होंगे लेकिन वो अपनी इच्छा से वोट दे सकते हैं

वैसे माना ये जा रहा है कि चूंकि अमेरिका में प्रेसीडेंट के चुनावों में ज्यादा दिन नहीं बचे हैं, लिहाजा हैरिस के लिए पार्टी नेता के नेता सबको मनाने की कोशिश करेंगे.

अगर हैरिस के नाम पर सर्वसम्मति नहीं बनी तो…
यदि डेमोक्रेट किसी एक नाम पर सर्वसम्मति नहीं बना पाते और अगस्त के नेशनल कन्वेंशन में किसी नाम पर सहमति नहीं बन पाती तो एक ओपन सम्मेलन इसके बाद होगा. हालांकि ये स्थिति असाधारण होती है. जो पार्टी में 1968 के बाद से नहीं हुई है. पर्दे के पीछे सभी संभावित दावेदार अपने लिए प्रतिनिधियों को जोड़कर उनका समर्थन हासिल करने की कोशिश करेंगे. जिससे पार्टी का आधिकारिक उम्मीदवार तय हो जाएगा.

बाइडन ने हैरिस को नॉमिनी बनाया है इसका क्या मतलब है
इसका मतलब केवल इतना है कि बाइडन ने हैरिस को प्रेसीडेंट कैंडीडेट बनाने को लेकर अपना समर्थन दिखाया है. वैसे उम्मीद है कि इसका असर ये होगा कि बाइडन समर्थक लॉबी हैरिस के साथ आएगी. डेमोक्रेटिक पार्टी का नेशनल कन्वेंशन 19 अगस्त से शुरू हो रहा है, इसी में किसी नाम पर मुहर लग जानी चाहिए. हालांकि मीडिया रिपोर्ट्स कह रही हैं कि पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा शायद हैरिस को आगे नहीं बढ़ाना चाहें. उनका पार्टी में अच्छा खासा असर है.

ट्रम्प के मुकाबले हैरिस की स्थिति कितनी अच्छी है?
हालिया सर्वेक्षणों में डोनाल्ड ट्रंप के मुकाबले बाइडन और हैरिस की स्थिति में बहुत कम अंतर पाया गया है. वाशिंगटन पोस्ट के पोस्ट-डिबेट पोल में ट्रंप ने बाइडेन 1.9 प्रतिशत अंकों से पीछे छोड़ा. वहीं इन सर्वेक्षणों में हैरिस पर भी ट्रंप की बढ़त 1.5 अंकों की है. चार पोल में हैरिस की स्थिति बाइडेन से थोड़ी बेहतर है, चार में थोड़ी खराब और तीन में कोई अंतर नहीं.

इस महीने वाशिंगटन पोस्ट-एबीसी न्यूज-इप्सोस सर्वेक्षण में पाया गया कि कुल 44 प्रतिशत अमेरिकियों ने कहा कि यदि बाइडेन हट जाएं और हैरिस डेमोक्रेटिक उम्मीदवार बन जाएं तो वे “संतुष्ट” होंगे, जिसमें 70 प्रतिशत डेमोक्रेट और डेमोक्रेटिक-झुकाव वाले स्वतंत्र लोग शामिल हैं.

उसी सर्वेक्षण में, 29 प्रतिशत डेमोक्रेट और डेमोक्रेटिक झुकाव वाले स्वतंत्र लोगों ने बाइडेन के हटने पर पार्टी के नामांकन के लिए हैरिस को अपनी पसंद बताया, जबकि 7 प्रतिशत ने कैलिफोर्निया के गवर्नर गेविन न्यूसम (डी) का नाम लिया, 4 प्रतिशत ने पूर्व प्रथम महिला मिशेल ओबामा का नाम लिया और 3 प्रतिशत ने परिवहन सचिव पीट बटिगिएग और मिशिगन के गवर्नर ग्रेटचेन व्हिटमर (डी) का नाम लिया. आधे डेमोक्रेट ने किसी का नाम नहीं लिया.

बाइडेन द्वारा जुटाई धनराशि का क्या होगा?
बाइडन ने चुनाव कैंपेन के लिए एक बड़ी रकम जुटा ली थी. इस रकम को डेमोक्रेटिक नेशनल कमेटी या स्वतंत्र व्यय समिति को दान किया जा सकता है. यानि जो भी नया कैंडीडेट बनेगा, उसको अपना फंड खुद जुटाना होगा.
हालांकि कुछ डेमोक्रेटिक वकील और कार्यकर्ता ये तर्क देते हैं कि चूंकि हैरिस का नाम उपराष्ट्रपति के तौर पर संघीय चुनाव आयोग के साथ दायर किए गए कागज़ात पर है, इसलिए बाइडेन खाते का नियंत्रण हैरिस को सौंप सकते हैं.

डेमोक्रेटिक पार्टी के नेशनल कन्वेंशन में क्या होने की उम्मीद है
इसमें ये देखा जाएगा कि पार्टी किस तरह हैरिस के समर्थन में है या किसी और ने नामांकन के लिए उन्हें चुनौती देने का फैसला नहीं किया है. इस स्थिति में प्रतिनिधि हैरिस के लिए मतदान करेंगे. लेकिन अगर कोई हैरिस को चुनौती देता है और अपना दावा भी ठोंकता है तो फिर प्रतिनिधियों के साथ एक खुला सम्मेलन होगा जिसमें वे अपनी पसंद के उम्मीदवार को वोट देने के लिए स्वतंत्र होंगे.

डेमोक्रेटिक पार्टी में वोटिंग कैसे होती है
डेमोक्रेटिक पार्टी में दो तरह के डेलीगेट्स हैं, एक नार्मल डेलीगेट, जिनकी संख्या करीब 3,900 है. वहीं 700 सुपर डेलीगेट्स हैं. अगर मतदान की स्थिति में कोई भी उम्मीदवार बहुमत तक नहीं पहुंचता तो सुपरडेलीगेट्स (करीब 700 पार्टी नेता और निर्वाचित अधिकारी) नामांकित व्यक्ति चुने जाने तक बाद के दौर में मतदान कर सकते हैं.

क्या ऐसा पहले कभी हुआ है?
हां. 1968 में राष्ट्रपति लिंडन बी. जॉनसन ने तब 31 मार्च को घोषणा करके देश को चौंका दिया था कि वे राष्ट्रपति चुनाव से हट रहे हैं, यह आखिरी चुनाव था जब डेमोक्रेट्स ने खुली कन्वेंशन की थी.