भारत IPEF के 14 देशों के साथ समझौता करेगा, कैबिनेट की मंजूरी बाकी, जानें लाभ क्या होंगे

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भारत-प्रशांत आर्थिक व्यवस्था के 14 देशों में ऑस्ट्रेलिया, ब्रुनेई दारुस्सलाम, फिजी, भारत, इंडोनेशिया, जापान, दक्षिण कोरिया गणराज्य, मलेशिया, न्यूजीलैंड, फिलिपीन, सिंगापुर, थाइलैंड, अमेरिका और वियतनाम शामिल हैं।

केंद्रीय मंत्रिमंडल जल्द ही स्वच्छ और निष्पक्ष अर्थव्यवस्था के लिए भारत-प्रशांत आर्थिक व्यवस्था (आईपीईएफ) से जुड़े 14 सदस्य देशों के साथ समझौतों पर निर्णय लेगा। इस बारे में मंजूरी को लेकर वाणिज्य मंत्रालय ने प्रस्ताव दिया है। पिछले महीने सिंगापुर में आईपीईएफ ब्लॉक के 13 सदस्यों ने इन समझौतों पर हस्ताक्षर किये। जबकि भारत ने कहा कि वह घरेलू मंजूरी मिलने के बाद समझौते पर हस्ताक्षर करेगा। अधिकारी ने कहा कि वाणिज्य मंत्रालय ने दोनों समझौते मंत्रिमंडल सचिवालय को भेज दिए हैं और जल्द ही मंत्रिमंडल इसे मंजूरी देने के लिए विचार करेगा।

यह है उद्देश्य

स्वच्छ अर्थव्यवस्था पर समझौते का उद्देश्य ऊर्जा सुरक्षा और बदलाव, जलवायु अनुकूल उपाय, ग्रीनहाउस गैस (जीएचजी) उत्सर्जन को काबू में लाने की दिशा में आईपीईएफ भागीदारों के प्रयासों में तेजी लाना है। साथ ही ऊर्जा के लिए कोयला, पेट्रोल जैसे जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करने के नवीन तरीके खोजना और विकसित करना है। इसके अलावा, तकनीक के क्षेत्र में सहयोग, कार्यबल विकास, क्षमता निर्माण और अनुसंधान सहयोग को बढ़ावा देना है। यह समझौता निवेश, सस्ती फंडिंग, संयुक्त परियोजनाएं, कार्यबल विकास और तकनीकी सहायता की सुविधा प्रदान करेगा।

ये हैं सदस्य देश

अमेरिका और भारत-प्रशांत क्षेत्र के अन्य भागीदार देशों ने 14 सदस्यीय आईपीईएफ ब्लॉक को 23 मई, 2022 को टोक्यो में संयुक्त रूप से शुरू किया था। यह व्यवस्था व्यापार, आपूर्ति श्रृंखला, स्वच्छ और निष्पक्ष अर्थव्यवस्था से संबंधित चार स्तंभों से जुड़ी है। भारत व्यापार को छोड़कर सभी स्तंभों से जुड़ गया है। ऑस्ट्रेलिया, ब्रुनेई दारुस्सलाम, फिजी, भारत, इंडोनेशिया, जापान, दक्षिण कोरिया गणराज्य, मलेशिया, न्यूजीलैंड, फिलिपीन, सिंगापुर, थाइलैंड, अमेरिका और वियतनाम इसके सदस्य हैं।