मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गांधीसागर बांध से रेवा सिंचाई परियोजना प्रारंभ की थी। अब इस योजना का लाभ राजस्थान में भी मिलने की उम्मीद जगी है।
रामगंजमंडी। मध्यप्रदेश के भानपुरा तहसील के गांवों में हरित क्रांति का आगाज करवाने वाली रेवा सिंचाई परियोजना से अब मध्यप्रदेश सरहद से जुड़े रामगंजमंडी क्षेत्र के गांवों की असिंचित जमीन में रेवा सिंचाई परियोजना का लाभ मिलने की उम्मीद जगी है। राजस्थान व मध्यप्रदेश में भाजपा की सरकारें बनने से इस उम्मीद को ज्यादा बल मिला है।
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान दो विधानसभा चुनाव से इस सिंचाई परियोजना का पानी रामगंजमंडी तक पहुंचाने का वादा कर चुके हैं। वर्ष 2018 में विधानसभा चुनाव में भाजपा से चुनाव लड़ने वाले मदन दिलावर के समर्थन में आयोजित सभा में शिवराजसिंह चौहान ने रेवा सिंचाई परियोजना का पानी रामगंजमंडी तक पहुंचाने की घोषणा मंच से की थी। हालांकि इस चुनाव में दोनों प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी तो इसका लाभ मिलने में संशय बन गया था।
कोरोना काल में मध्यप्रदेश में कांग्रेस के विधायकों द्वारा दल बदल करके भाजपा के समर्थन में आने व दल बदल करने वाले विधायकों के चुनाव जितने पर भाजपा की सरकार बनी तो किसानों का प्रतिनिधिमंडल भानपुरा विधायक, मंदसौर सांसद से मिला ओर उन्हें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का वादा भी याद दिलाते हुए सिंचाई परियोजना का पानी रामगंजमंडी तक पहुंचाने की मांग रखी।
प्रतिनिधिमंडल निरंतर सम्पर्क में रहने के बाद भी किसी तरह की कार्ययोजना नहीं बनी ओर वादा चुनावी होकर रह गया। भाजपा सरकार का कार्यकाल भी समाप्त हो गया। वर्ष 2023 में फिर विधानसभा चुनाव का बिगुल बजा ओर भाजपा प्रत्याशी मदन दिलावर को भाजपा ने फिर चुनाव में यहां से उतारा तो उनकी आमसभा में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दुबारा रामगंजमंडी आए थे।
चौहान को कार्यकर्ताओं ने जब चेचट की सभा में पांच साल पहले रेवा सिंचाई परियोजना का पानी देने का वादा याद दिलाया तो खुले मंच से उन्होंने इसका जिक्र करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने राजस्थान सरकार को इस मामले में नहर की डिस्ट्रीब्यूशन लाइन डालने के लिए पत्र लिखा था, लेकिन कांग्रेस सरकार ने इसमें रुचि नहीं दिखाई।
उन्होंने फिर वादा किया था कि राजस्थान व मध्यप्रदेश में भाजपा की सरकार बनेगी तो यह गतिरोध दूर होगा। रामगंजमंडी को सिंचाई के लिए रेवा का पानी मिलेगा।